Zika Virus Effects On Pregnant Women : देश में एक बार फिर जीका वायरस के मामले मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. मच्छरों ने महामारी फैलानी शुरू कर दी है, कहीं मलेरिया, कहीं डेंग्यू और कहीं जीका वायरस के प्रकोप की खबरें मिल रही हैं. प्राप्त खबरों के अनुसार पिछले दिनों जीका वायरस के कुछ रोगी पुणे (महाराष्ट्र) के अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. चूंकि यह संक्रमित बीमारी है, इसलिए मच्छरों वाली जगहों से खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश करनी चाहिए.

बरसात के मौसम में इसका खतरा ज्यादा होता है. जीका एक वायरल इंफेक्शन है और इससे प्रेग्नेंट महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. ऐसे में सभी लोगों को इस वायरस से बचने की कोशिश करनी चाहिए और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए.

मच्छर के काटने से फैलता है वायरस (Zika Virus Effects On Pregnant Women)

जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है और बारिश में इसका खतरा बढ़ जाता है. डेंगू और चिकनगुनिया की तरह जीका एक वायरल इंफेक्शन होता है. इससे संक्रमित होने पर लोगों को बुखार, सिरदर्द, जॉइंट पेन, मसल्स पेन, आंखें लाल होना और स्किन पर रैशेस जैसे लक्षण नजर आते हैं. जीका वायरस मच्छर काटने के 2 से 7 दिन के अंदर संक्रमण पैदा कर देता है और कई मामलों में इसके भी लक्षण नजर नहीं आते हैं. इसलिए चेकअप जरूरी होता है.

इसकी कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं है

जीका वायरस की कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं है. अधिकतर मामलों में सिम्प्टमेटिक ट्रीटमेंट के जरिए लोग 8-10 दिनों में रिकवर हो जाते हैं. हालांकि सही समय पर इलाज न कराने से कंडीशन सीरियस हो सकती है और इससे लोगों की जान भी जा सकती है. ऐसे में इसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें.

लक्षण दिखने पर तुरंत लें डॉक्टर की सलह

जीका वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरों से बचाव करना है. मच्छर न सिर्फ आपको जीका वायरस से संक्रमित कर सकते हैं, बल्कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ा सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को जीका वायरस का इंफेक्शन हो, तो उससे दूरी बनाएं. इसके अलावा अगर बुखार, सिरदर्द, मसल्स में दर्द या आंखों में परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपना ब्लड टेस्ट कराएं. टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर आपका ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं.