रायपुर। 12 दिसंबर को छत्तीसगढ़ सरकार के 14 साल पूरे हो जाएंगे. इस मौके पर सरकार की उपलब्धियों को जनता तक ले जाने की रणनीति सरकार ने तैयार की है. इसके लिए अलग-अलग विभाग के 14 साल की उपलब्धियों को लेकर सरकार के मंत्री हर दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
आज वन मंत्री महेश गागड़ा मीडिया से रू-ब-रू हुए और वन विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इन 14 सालों में वनवासियों और तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए बेहतर काम हुआ. उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता का संग्रहण दर जहां पहले 450 रुपए प्रति मानक बोरा था, उसे साल दर साल बढ़ाते हुए 2500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है.
गागड़ा ने कहा कि राज्य के विकास में वन विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण रही. वहीं राजधानी में बने जंगल सफारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जंगल सफारी में अब तक ढाई लाख पर्यटक आ चुके हैं.
हाथियों, बाघ और वनभैंसे की बढ़ी संख्या- गागड़ा
मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि 2000 में जहां 32 हाथी थे, आज उनकी संख्या 3 हजार हो चुकी है. उन्होंने बताया कि बाघ और वनभैंसों की आबादी भी बढ़ी है. 2006 में 26 बाघ थे, जो बढ़कर 46 हो गए हैं. वहीं 2007 में 5 वनभैंसे थे, जो अब 13 हो गए हैं.
– 2000 में 32 हाथी आये थे आज 3 हजार हाथी हो चुके है. जनता में जागरूकता लाने की दिशा में काम किया जा रहा है. नियंत्रण के उपायों पर काम किया जा रहा है.
तमोर पिंगला में बन रहा है हाथियों का रेस्क्यू सेंटर
वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि तमोर पिंगला में हाथियों का रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक, केरल की तर्ज पर उत्पाती हाथियों पर नियंत्रण किया जाएगा और वहां से ट्रेंड हाथियों को लाकर यहां के हाथियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा.
अवैध कटाई को रोकना है चुनौती- गागड़ा
महेश गागड़ा ने कहा कि अवैध कटाई रोकने के लिए वन विभाग में टास्क फोर्स है. फिर भी इसे रोकना चुनौती है. वृक्षारोपण के सकारात्मक नतीजे नहीं आने पर महेश गागड़ा ने कहा कि एक वृक्ष तैयार होने में काफी वक्त लगता है.
उन्होंने कहा कि जंगल कटाई कम हो, इसलिए उज्ज्वला योजना शुरू की गई है.
वन विभाग की उपलब्धियां
- तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक और बोनस में बढ़ोतरी
- चरण पादुका
- संग्राहकों का बीमा एवं शिक्षा प्रोत्साहन
- लाख की खेती को बढ़ावा
- वन्य प्राणी संरक्षण की कोशिश
- समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी
- बाघ और वनभैंसों की संख्या में बढ़ोतरी
- क्षतिपूर्ति और मुआवजे में वृद्धि
- वन प्रबंधन में ग्रामीणों की भागीदारी
- वन अधिकार पत्र वितरण में छत्तीसगढ़ अव्वल
- छोटे वन अपराधों से ग्रामीणों को निजात
- छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम