रायपुर। झीरमघाटी नक्सल हमले मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम पूरे मामले की जांच करेगी. एसआईटी प्रभारी आईजी विवेकानंद सिन्हा के साथ, पी. सुंदर राज( डीआईजी नक्सल अभियान), एमएल कोटवानी(एसपी, सुरक्षा वाहिनी माना), गायत्री सिंह(उप सेनानी तीसरी वाहिनी अमलेश्वर दुर्ग), राजीव शर्मा(डीएसपी सरायपाली), आशीष शुक्ला(टीआई रायपुर), प्रेमलाल साहू(टीआई विशेष साखा), नरेन्द्र शर्मा(रिटायर्ड डीएसपी), एएन चतुर्वेदी( विधि विशेषज्ञ), डॉ.एमके वर्मा(विधि-विज्ञान विशेषज्ञ) शामिल हैं.
आपको बता दे कि 25 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में दरभा थाना क्षेत्र के झीरमघाटी में देश का सबसे बड़ा नक्सल हमला हुआ था. इस घटना में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष पंक्ति के नेता मारे गए गए थे. घटना में तात्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार जैसे नेताओं के साथ कुल 29 लोग मारे गए थे. घटना के बाद तात्कालीन यूपीए सरकार ने जांच का जिम्मा एनआईए को दिया था. एनआईए ने 4 साल बाद अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी तो नतीजा शून्य निकला था. वहीं तात्कालीन रमन सरकार की ओर से जस्टिस प्रशांत मिश्रा के नेतृत्व में झीरम घाटी हमले की हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग भी बनाया गया था. आयोग में अभी भी मामले की सुनवाई जारी है.
लेकिन 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने झीरमघाटी नक्सल हमले को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए इसकी फिर जांच कराने की घोषणा की थी. कांग्रेस ने घोषणा-पत्र में एसआईटी गठित जांच कराने की बात कही थी. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने इस पर अमल किया. कांग्रेस ने 1 जनवरी को कैबिनेट की बैठक में एसआईटी गठन को मंजूरी दी. और 2 जनवरी को गृहमंत्री ने पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद एसआईटी का गठन कर दिया.