बिलासपुर. पुलिस आंदोलन को लीड करने वालों पर विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है. एसपी ने आज एक कॉन्स्टेबल को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही 2 कॉन्स्टेबलों को लाइन अटैच करने की कार्रवाई की गई है. बता दें कि प्रदेशभर के 400 से अधिक पुलिसकर्मियों को नोटिस भेजा गया था.
जानकारी के अनुसार कॉन्स्टेबल रोहिणी लुनिया काउंसिलिंग के बाद भी आंदोलन करने से पीछे नहीं हट रहा था. कई समझाईस के बाद भी जब कॉन्स्टेबल रोहिणी लोनिया ने आंदोलन करने की जिद की तब एसपी आरिफ़ शेख़ ने उक्त कॉन्स्टेबल को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया.
जानकारी के मुताबिक रोहिणी 25 जून को राजधानी में होने वाले आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय था, यही नहीं पुलिस सुधार नाम से फेसबुक आईडी और व्हाट्यएप ग्रुपों में भी वो लगातार आंदोलन को प्रचारित कर रहा था. खबरें ये भी एसपी आरिफ शेख तक पहुंची थी, कि आंदोलन की अगुवाई कर रहे बर्खास्त पुलिसकर्मी राकेश यादव जिस पुलिस सुधार ग्रुप को संचालित कर रहा था, उस ग्रुप का एडमिन राकेश के अलावे रोहिणी लुनिया भी था.
लगातार उसकी अनुशासनहीनता की खबर मिलने के बाद एसपी आरिफ ने उसे शो-कॉज नोटिस भी जारी किया था, उसकी काउंसिलिंग की कोशिश की गयी, लेकिन वो समझने को तैयार ही नहीं था. उसे ऐसे कृत्य से हटने और इस तरह के दुष्प्रचार ना करने की नसीहत का जब असर नहीं हुआ, तो आखिरकार आज एसपी आरिफ शेख ने आरक्षक को संविधान की कंडिका 311 के खंड 2 के तहत सेव से बर्खास्त कर दिया. प्रदेश में इस तरह की पहली कार्रवाई है. इससे पहले आज दो क्राइम ब्रांच में पदस्थ दो पुलिस कांस्टेबल को लाइन अटैच कर दिया गया. आशीष और अविनाश नाम के ये दोनों कांस्टेबल पुलिस परिवार आंदोलन में सक्रिय लोगों पर होने वाली कार्रवाईयों की सूचना लिक कर दिया करते थे.