![](http://www.lalluram.com/wp-content/uploads/2017/04/Farmer-suicides-the-five-states-with-the-worst-condition.jpg)
किसानों का मानना था कि यूपी में बीजेपी के एक सीएम द्वारा यह फैसला लेने के बाद छत्तीसगढ़ में भी सरकार पर यह दबाव पड़ेगा कि वो भी किसानों के कर्जे माफ करे. मंत्रालय के गलियारों में भी इस संभावना पर माथापच्ची चल रही थी और आंकड़े सामने आए थे कि छत्तीसगढ़ के किसानों में से साढ़े 12 लाख पर कर्ज है। इसमें नियमित कर्ज 3000 करोड़ रुपए और बैकलॉग लोन 400 करोड़ रुपए है।
अगर सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के बारे में सोचना शुरू किया तो इससे राज्य के खजाने पर तकरीबन 34 सौ करोड़ रुपए का बोझ आएगा। हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार ने फिलहाल इस दिशा में विचार ही शुरू नहीं किया है। दूसरा, अफसरों की नजर उत्तरप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के इस दिशा में लिए जाने वाले फैसलों पर भी है। साथ ही, किसानों की कर्जमाफी के मामले में केंद्र सरकार की सोच भी अहम रहेगी। जहां तक मोदी सरकार का सवाल है, लगातार बोनस और सब्सिडी खत्म करके उसने यह संकेत दे रखा है कि किसी भी सेवा को वह मुफ्त देने के लिए बिलकुल तैयार नहीं है।