नई दिल्ली। राफेल विमान को लेकर बुधवार को संसद गर्म रही. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहस के दौरान पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एचएएल से राफेल का कान्ट्रेक्ट छीनकर अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया. सरकार के इस कदम से देश के युवाओं का नुकसान हुआ है और अगर यह कान्ट्रेक्ट एचएएल के पास होता तो देश के युवाओं को रोजगार मिलता. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के युवाओं को धोखा दिया है. उन्होंने पीएम मोदी पर करारा वार करते हुए कहा कि पिछली बार मेरे भाषण के बाद पीएम ने एक घंटे का लंबा भाषण दिया था लेकिन राफेल डील पर वो 5 मिनट भी नहीं बोल पाए. इस मुददे पर बहस करने की उनकी हिम्मत नहीं है. डिफेंस मिनिस्टर AIADMK के सांसदों के पीछे छिप जाती हैं और पीएम अपने कमरे में.
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार ने 126 विमानों की डील बदल दी और 126 विमानों से घटाकर 36 कर दिया गया. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि एयरफोर्स की जरूरतों की लिस्ट क्यों बदली गई. राहुल ने अपने भाषण के दौरान गोवा के मंत्री का वह कथित ऑडियो टेप सदन में चलाने की मांग की, जिसको लेकर कांग्रेस ने मनोहर पर्रिकर और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. इस पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एतराज जताया. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने मंजूरी देने से मना कर दिया.
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि पीए मोदी डरे हुए लगे थे. उन्होंने कहा कि कोई मुझ पर उंगली नहीं उठा रहा है, पर पूरा देश आप पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने राफेल मामले पर जेपीसी जांच की मांग की. साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा कि इस मामले में कोई जांच न हो. राहुल ने कल न्यूज एजेंसी एएनआई को दिये पीएम मोदी के इंटरव्यू का भी जिक्र किया और कहा कि पीएम ने कहा कि राफेल डील में मेरे ऊपर कोई उंगली नहीं उठा रहा है, जबकि पूरा देश उनपर उंगली उठा रहा है. उन्होंने कहा कि दाल में कुछ काला नहीं है बल्कि पूरी दाल ही काली है. जेपीसी जांच कराइए दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि ये जो टेप निकली है इसमें पर्रिकर ने कहा कि मेरे पास राफेल की फाइलें पड़ी हुई हैं. पूरा सच मेरे पास पड़ा हुआ है. पर्रिकर बीजेपी से ताल्लुक रखते हैं.
राफेल डील को लेकर राहुल संसद में लगातार हमलावर रहे इस दौरान उन्होंने उद्योगपति अनिल अंबानी का भी नाम लिया जिस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें टोका और कहा कि वो उनका नाम नहीं ले सकते हैं क्योंकि अंबानी सदन के मेंबर नहीं हैं.