रायपुर । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अजीत जोगी के मसले पर फिर से कुछ बोलने से इंकार कर दिया है. बघेल गुरुवार को शाम दिल्ली रवाना हो रहे थे. एयरपोर्ट पर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि जोगी पर आए हाई पावर कमेटी के आदेश पर क्या कहना है तो बघेल ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. बघेल का कहना है कि जब तक आदेश की कॉपी नहीं आ जाती तब तक वे कुछ नहीं कहेंगे.
राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा ज़ोरों पर है कि आखिर भूपेश की इस मामले में रहस्यमयी चुप्पी का राज़ क्या है. जब तक कमेटी का आदेश नहीं आया था तब तक लगातार भूपेश जोगी की जाति के फैसले में देरी को लेकर सवाल उठाते थे. यहां तक कि इसके लिए वे रमन और जोगी में मिलीभगत का आरोप तक लगा चुके थे.
लेकिन जब फैसला आ गया. खुद जोगी ने सार्वजनिक तौर पर बता दिया है कि फैसला उनके खिलाफ आया है तो भूपेश खामोश क्यों हैं. क्या वाकई में भूपेश इसलिए खामोश हैं क्योंकि हाईपावर कमेटी के फैसले पर अनजाने में कुछ ऐसा न बोल दें जो उनके लिए बाद में सरदर्द बन जाए. या फिर कहानी कुछ और है. क्या पर्दे के पीछे कुछ ऐसा चल रहा है जिस पर अभी राज़ रखना बहुत ज़रूरी है.
भूपेश बघेल की राजनीति को करीब से समझने वाले इस बात से साफ इंकार करते हैं कि वे इतने बडे़ मामले पर सिर्फ आदेश के इंतज़ार में खामोश रहेंगे. आखिर जिस मामले में मुख्यमंत्री तक का बयान आ चुका है. अजीत जोगी कोर्ट की चौखट पर पहुंच चुके हैं वहां भूपेश की खामोशी क्यों?
सुत्र बताते हैं कि इस मसले पर भूपेश की पैनी नज़र है. केस के मामले में जोगी खेमे की हर गतिविधि उन तक पहुंच रही है. चर्चा यहां तक है कि भूपेश अपने सुत्रों के ज़रिए याचिकाकर्ता संतकुमार नेताम के संपर्क कर चुके हैं. उन्हें हर वाज़िब मदद का आश्वासन दे चुके हैं.
भूपेश इस वक्त दिल्ली में हैं. वहां से भी उनकी नज़र रायपुर और बिलासपुर पर है. माना जा रहा है कि उनके दिल्ली दौरे का मुख्य एजेंडा यही केस है. इस केस से संबंधित जानकारी भूपेश आलाकमान को देंगे और आलाकमान से मंज़ूरी के बाद सोची समझी रणनीति के तहत अपना दांव चलेंगे.