रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में होना है. चुनाव में जो लोग इस दफे मैदान में हैं उनमें बड़ी संख्या में आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रत्याशी शामिल हैं. नामांकन के साथ संपत्ति और आपराधिक मामलों की जानकारी देना भारत निर्वाचन आयोग ने अनिवार्य कर दिया है. जिसके तहत प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी शपथ पत्र में दी है.

एसोशिएसन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में 187 में से 15 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं. जिनमें 8 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें रिश्वतखोरी और हत्या तक के मामले लंबित हैं. एडीआर के अनुसार जिन 15 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले घोषित किये हैं उनमें कांग्रेस के 7, जनता कांग्रेस के 3, जीजीपी और एसपी के 1-1 और 3 मामले निर्दलीय प्रत्याशियों के खिलाफ न्यायालय में लंबित हैं.

कांग्रेस ने उठाए सवाल

इस रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा एक भी प्रत्याशी पर आधारिक मामले दर्ज होने की जानकारी नहीं मिलती. एडीआर के सदस्य गौतम बंधोपाध्याय के मुताबिक भाजपा के किसी भी प्रत्याशी ने अपने शपथ पत्र में कोई भी अपराध होने की जानकारी नहीं दी. इधर इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए है. कांग्रेस का कहना है कि 2013 के चुनाव में कई भाजपा प्रत्याशियों ने आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी तो क्या अब उनके खिलाफ दर्ज अपराध खत्म हो गए हैं ?