सदफ हामिद, भोपाल। प्रदेश सरकार ओर राइस मिलर्स के बीच चल रहा विवाद का पटाक्षेप हो गया है। विवाद समाप्त होने के बाद पिछले आठ माह से रुकी हुई 34 लाख मीट्रिक टन धान की मिलिंग शुरू हो जाएगी।

सरकार और मिलर्स के बीच असल विवाद की वजह धान की क्वालिटी को लेकर था। सरकार एक क्विंटल धान से 67 किलो चावल का मांग करती है लेकिन मिलर्स का कहना था कि धान की क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं कि इतना चावल निकाला जा सके। इसी के चलते मिलर्स ने प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मांग की थी।

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सरकार द्वारा मांग पूरी नहीं किये जाने से नाराज मिलर्स ने सरकारी धान की मिलिंग करना बंद कर दिये थे। जिसके बाद आखिरकार सरकार ने मिलर्स की मांग मानते हुए प्रोत्साहन राशि को बढ़ा कर दोगुना कर दिया। मिलर्स को अब प्रति क्विंटल धान पर 50 रुपये प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।

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