रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में अनुपरक बजट पेश होने के बाद विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने की. डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अनुपरक बजट में आकंड़ों की कलाबाजी नजर आ रही है. बजट की शुरूआत ही निराशजनक रहा है.  10 हजार करोड़ रुपये को बायफेरगेट करें तो 98 फीसदी राजस्व व्यय आ रहा है. वित्तीय घाटा जब 9 हजार 97 करोड़ था तब तक बीजेपी सरकार काम करती रही. पूरे वित्तीय प्रबंधन को मैंने बतौर वित्त मंत्री देखा है. आर्थिक स्थिति को कैसे बेहतर बनाया जाए. ये हमने देखा. यही वजह रही कि कर्ज सीमा में रहते हुए हमने राज्य के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर ढंग से चलाया था. लेकिन कांग्रेस सरकार में पहले दिन ही समझ आया कि निर्णय के मामले में पूरा का पूरा मंत्रिमंडल कन्फ्यूज़्ड है.

कागज और स्लिप काटने से कर्ज माफी नहीं होती
डॉ रमन सिंह ने कहा कि 1 हजार 223 करोड़ रुपये की जो कर्जमाफी हुई है, ये वहीं पैसा है जिसे किसानों के खाते से लिंकिंग के दौरान काट लिया गया था. कागज और स्लिप काट लेने से ही कर्जमाफी नहीं होती. स्थाई उपाय के बारे में सोचना चाहिए. मैं घोषणा पत्र देख रहा था केवल दो बिंदुओ पर क्रियान्वयन किया गया है. बेरोजगारी भत्ता का वित्तीय प्रबंधन करना होगा. 35 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी होगी. आप वादा करके भले ही चुनाव जीत लिया लेकिन अब जनता सवाल पूछेगी, जिसका जवाब देना होगा. मुख्यमंत्री ने कभी कागज पेन लेकर हिसाब लगाया है. 35 किलो चावल प्रति परिवार को यूनिट बनाने की ताकत आपमे कितनी है. एक आदेश चला गया कि जितने भी काम चल रहे हैं उसे रोक दिया जाय. स्कूल, पुल-पुलिया, सड़क जैसे विकास के सभी काम रोक दिए गए है. पंचायतों में भी पैसा नहीं है. 15 सालों में हमने विकास को एक दिशा देने का काम किया था. वित्तीय प्रबंधन नहीं होगा तो कहीं ऐसा न हो जाये कि राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो जाये. छत्तीसगढ़ की जनता यही घोषणा पत्र लेकर आपके पास आएगी. छत्तीसगढ़ को दिवालिया बनाने की साजिश आपने की है.  मैं अभी से चेताना चाहता हूं कि 7 फीसदी से ज्यादा वित्तीय घाटा बढ़ेगा. कर्ज की लायबिलिटी बढ़ेगी.
कहीं चुनावी वादों में विकास तहस-नहस न हो जाये.

डॉ. रमन सिंह ने यह भी कहा कि मैं ये दावे के साथ कह सकता हूँ कि बीजेपी सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिए दस गुना बेहतर काम किया है. शून्य फीसदी पर ऋण, साढ़े सात हजार यूनिट बिजली, जैसी कई योजनाएं शुरू की. इस अनुपूरक से दोगुने से ज्यादा वित्तीय घाटा होगा. 2 फीसदी से बढ़कर 4 फीसदी हो जायेगा. लगभग छह हजार करोड़ का राजस्व घाटा बढ़ जाएगा. 4 हजार 223 करोड़ का कर्ज माफ हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार को मध्यप्रदेश सरकार से सबक लेना चाहिए.. वहां राष्ट्रीय बैंको से भी कर्जमाफी का निर्णय लेकर आदेश जारी कर दिया गया. ये आदेश यहां भी दिया जाना चाहिए. सिर्फ किसानों को बरगलाया जा रहा है. किसान आज ठगा महसूस कर रहा है. किसान महसूस कर रहा है कि सिर्फ चुनाव जीतने के लिए वादे किए गए.

यू-टर्न वाली सरकार
चुनाव जीतने के लिए यू टर्न ले रही है सरकार. चुनाव जीतने के बाद सरकार का सबसे बड़ा यू टर्न यही है कि शराबबंदी को लेकर जो वादा किया था उससे सरकार मुकर गई. सरकार फिर से शराब कोचियों के जरिये बेचेगी.