रायपुर- आईएएस की नौकरी छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले ओपी चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ओपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने लोक आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. आरोप है कि ओपी ने दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते हुए नियम के विपरीत जाकर कृषि जमीन को व्यावसायिक जमीन से बदल दिया. आम आदमी पार्टी ने अपनी शिकायत में कहा है कि चौधरी ने निजी जमीन को मंहगे दर पर और सरकारी जमीन को सस्ती बताकर कूटरचना की गई.

आम आदमी पार्टी की शिकायत पर लोकायुक्त ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की पड़ताल की जाएगी. जरूरत पड़ने पर ओम प्रकाश चौधरी को पूछताछ की जा सकती है. आप ने उम्मीद जताई है कि इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी.

क्या है आरोप?

आप के प्रभारी गोपाल राय ने प्रेस कांफ्रेंस में ओमप्रकाश चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने सांठगांठ कर भ्रष्टाचार किया है. इस मामले का खुलासा होने वाला था, लिहाजा कार्रवाई से बचने के लिए बीजेपी में शामिल हो गए.

गोपाल राय ने कहा था कि ओपी चौधरी ने दंतेवाड़ा कलेक्टर के पद पर रहते हुए निजी और सरकारी जमीन की अदला-बदली की. जिले में जिला पंचायत भवन के बाजू में प्राइवेट कृषि भूमि थी. इस जमीन को 4 लोगों ने मिलकर खरीदा उसके बाद वहां उसी जमीन पर विकास भवन बनाने की योजना बनाई. इस योजना के तहत उक्त जमीन को खरीदकर उसके बदले बस स्टैंड के पास कमर्शियल जमीन देने की बात की गई और मोहम्मद साजिद के नाम से कलेक्ट्रेट में आवेदन किया गया. 1 महीने के भीतर ही 40 लाख की जमीन के बदले में बस स्टैंड के पास करोड़ों रुपए की कमर्शियल जमीन दे दी गई.

हैरानी की बात तो यह है कि तब से लेकर आज तक जमीन वैसी ही पड़ी है वहां कोई विकास भवन नहीं बना. लेकिन उसके बदले में जो कमर्शियल जमीन दी गई थी वहां एक भव्य कमर्शियल भवन बन गया. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में भी पीआईएल दाखिल किया. जिसके बाद कोर्ट ने इस पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद ऑर्डर दिया कि कलेक्टर को कृषि योग्य भूमि को कमर्शियल भूमि से अदला बदली करने का अधिकार नहीं है यह कानून सम्मत नहीं है इसे निरस्त किया जाता है. इसके बाद कोर्ट ने तत्कालीन कलेक्टर पर 1 लाख का जुर्माना लगाया गया.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने कोई भी जांच का आदेश नहीं दिया. इसी बार्गेनिंग के आधार पर अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ऑफिस चौधरी में इस्तीफा दे दिया और भाजपा ज्वाइन कर ली. उन्होंने कहा की हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए ओपी को बचाया गया है आम आदमी पार्टी ने मांग की कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी ओपी चौधरी के खिलाफ जांच क्यों नहीं की गई और अगर जांच की गई है तो उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए.