रायपुर। एनएमडीसी “नए परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्वपूर्ण खनन तथा खनिज समृद्ध राज्यों में खनन तथा इस्पात में विकास एवं निवेश के अवसर” पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है । एनएमडीसी इस्पात मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र का एक नवरत्न उद्यम है जो फिक्की के साथ मिलकर दिनांक 24 एवं 25 अप्रैल 2018 को रायपुर में इस संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है।
इस संगोष्ठी का उद्देश्य खनन उद्योग के समक्ष वर्तमान चुनौतियों एवं भविष्य के परिदृश्य पर चर्चा करना है। विभिन्न खनन उद्योगों तथा सरकारी एजेंसियोंंं के अधिकारी तथा विभिन्न संगठनों के विद्वान दो दिन की इस संगोष्ठी में प्रतिभागिता करेंगे। संगोष्ठी में विषय-विशेषज्ञ दृश्य-श्रृव्य माध्यम से तकनीकी पेपर प्रस्तुत करेंगे, केस स्टडी करेंगे तथा अनुभव साझा करेंगे। एनआईटी, रायपुर तथा बिलासपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी संगोष्ठी में भाग लेंगे।
विष्णु देव साय, माननीय इस्पात राज्य मंत्री, भारत सरकार, अमर अग्रवाल, माननीय वाणिज्य एवं उद्योग, वाणिज्य कर तथा शहरी प्रशासन एवं विकास मंत्री, छत्तीसगढ सरकार, एन. बैजेंद्र कुमार, आई ए एस, सीएमडी, एनएमडीसी,  पी.के.सतपथी, निदेशक(उत्पादन), एनएमडीसी लिमिटेड, तुहिन मुखर्जी, प्रबंध निदेशक, एस्सेल माइनिंग एण्ड इंडस्ट्रीज लिमिटेड तथा अध्यक्ष फिक्की माइनिंग कमेटी संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में भाग ले रहे हैं।
महेश गागड़ा, वन,विधि तथा विधिक विभाग मंत्री, छतीसगढ सरकार, आर.के.सिंह, पीसीसीएफ, छतीसगढ, डॉ एन.के.नंदा, निदेशक (तकनीकी), एनएमडीसी,  डी.एस.आहलूवालिया, निदेशक(वित्त) , एनएमडीसी, डॉ टी.आर.के.राव, निदेशक( वाणिज्य), एनएमडीसी; श्रीसंदीप तुला, निदेशक( कार्मिक), एनएमडीसी, के. विद्यासागर, मुख्य सतर्कता अधिकारी, एनएमडीसी तथा अन्य अनेक वरिष्ठअधिकारी भी संगोष्ठी में भाग लेंगे।
इस अवसर पर एक औद्योगिक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है जिसमें सभी प्रतिभागी संस्थाओं को अपनी प्रौद्योगिकी, टिकाऊ खनन पद्धतियों, सी एस आर पहलों, आदि का मॉडलों,पोस्टरों तथा दृश्य- श्रृव्य माध्यमों से प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा। संगोष्ठी खनन उद्योग के कार्मिकों को जानकारी साझा करने में सहायक होगी, जिसमें सरकारी एजेंसियां, शिक्षाविद, सांविधिक निकाय सहभागिता कर रहे हैं।
यह संगोष्ठी एनएमडीसी द्वारा अपने हीरक जयंती वर्ष के दौरान आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का एक हिस्सा है। एनएमडीसी का इतिहास एवं प्रगति समीपवर्ती क्षेत्रों की प्रगति एवं विकास तथा समग्र रूप से राष्ट्र को इसके योगदान से आबद्ध है। देश का सबसे बड़ा एकल लौह अयस्क उत्पादक होने के साथ-साथ एनएमडीसी नगरनार, छत्तीसगढ में अपने पहले 3 मिलियन टन वार्षिक क्षमता वाले इस्पात संयंत्र के साथ इस्पात निर्माण में भी प्रवेश कर रहा है जिसकी कमीशनिंग इस वर्ष के अंत तक निर्धारित है।