रायपुर. कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज पूरे देश में शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले कौशल यादव को भी याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

रायपुर के कालीमाता मंदिर के सामने स्थित शहीद कौशल यादव चौक पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें महापौर प्रमोद दुबे पार्षद मिलिंद गौतम सहित छत्तीसगढ यादव समाज के पदाधिकारियों एवं गणमान्यजनों ने कौशल यादव के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए.

महापौर दुबे ने कहा कि शहीद कौशल यादव द्वारा देश को कारगिल युद्ध में विजय दिलाने शहादत दी गई. कौशल के इस बलिदान को रायपुर सहित समुचे छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त निवासी गण युगों-युगों तक सदैव ससम्मान नमन करते रहेंगे. महापौर ने कहा कि शहीद कौशल यादव का पुण्य स्मरण करने पर छत्तीसगढ के प्रत्येक निवासी को गौरव की अनुभूति होती रहेगी. शहीद कौशल यादव की देश की रक्षा के लिए दी गई शहादत ने पूरे छत्तीसगढ राज्य का गौरव देश दुनिया में बढाया है.

महापौर दुबे ने सभी नागरिको से कारगिल विजय दिवस पर कारगिल युद्ध में शहीद कौशल यादव की जीवनी पढ़ने को कहा है साथ ही उनसे जीवन में देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की सकारात्मक उर्जा शक्ति प्राप्त करने का प्रण लेने का भी आव्हान किया.

महापौर ने बताया कि नगर निगम रायपुर की सामान्य सभा द्वारा राजधानी में शहीद कौशल यादव की शहादत की स्मृतियां चिरस्थायी बनाने के लिए राजधानी के आकाशवाणी के सामने स्थित चौक का नामकरण शहीद कौशल यादव चौक किया गया है.

बता दे कि कारगिल के द्रास सेक्टर में टाइगर हिल से 4 किलोमीटर आगे सीमा रेखा के पास लांस नायक कौशल यादव 25 सिपाहियों का नेतृत्व कर रहे थे. उनकी टीम ने आतंकवादियों की रात में ही घेराबंदी कर ली थी. दुश्मनों की तादाद तकरीबन 160 थी. 25 जुलाई 1999 को सुबह 8 बजे दोनों ओर से फायरिंग शुरू हो गई. तब 25 जवानों ने 130 दुश्मनों का सीना गोलियों से छलनी कर दिया. उसके बाद बचे सिर्फ 30 दुश्मन. 2 घंटे की लड़ाई के बाद सुबह 10 बजे कौशल यादव और दुश्मनों के बीच काफी नजदीक से गोलाबारी हुई. इस बीच एक गोली कौशल के कंधे पर लगी. लेकिन वे बहादुरी से डटे रहे। घायल कौशल को बचाया नहीं जा सका.