रायपुर। रसूखदार खुलेआम फर्जीवाड़ा करते हैं, शिकायत पर उसकी जांच भी होती है लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी उसमें कोई कार्रवाई नहीं होती है. इस दौरान एक शिकायतकर्ता की मौत तक हो जाती है लेकिन स्थिति जस की तस बनी रहती है. हम बात कर रहे हैं सूबे में व्याप्त एक ऐसी भर्राशाही व्यवस्था की जिसमें 13 साल पहले जमीन फर्जीवाड़े के एक मामले में शिकायत की गई थी. जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

मामला राजधानी के एक पॉश कॉलानी से जुड़ा हुआ है. 1984 में रजिस्टर्ड हुई राजीव गृह निर्माण समिति द्वारा प्लॉट काट कर बजाज कॉलोनी का निर्माण किया गया. समिति के संचालकों द्वारा सेक्टर 2 में अवैध तरीके से कॉलोनी की क्रास रोड को बेच दिया गया. संचालकों द्वारा यहां 2400 स्क्वायर फीट के दो प्लॉट 11 ए और 21 ए काट कर बेच दिया. इसकी शिकायत भजनदास हबलानी नाम के एक व्यक्ति ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, मुख्यमंत्री, उप पंजीयक के पास की.

उप पंजीयक द्वारा इस मामले की जांच कराई जाती है. जांच में शिकायत सही पाई जाती है. उप पंजीयक द्वारा सीएम सचिवालय को भी जांच प्रतिवेदन भेजा जाता है. वहीं उप पंजीयक द्वारा साल 2013 में उस दौरान मौजूद राजीव गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष सुभाष चंद्र मल्होत्रा को पत्र लिख कर अवैध तरीके से सड़क की जमीन भूखंड क्रमांक 11 ए और 21 ए को बेचने पर संस्था के पूर्व संचालक मंडल के विरुद्ध FIR दर्ज कराने का निर्देश देते हैं. वहीं एसपी रायपुर को भी इस मामले में FIR दर्ज करने के लिए कहा जाता है. इस मामले में एक और शिकायतकर्ता जवाहर नागदेव का कहना है कि पुलिस द्वारा उनसे दो-दो बार बयान ले लिया गया है और सारे दस्तावेजों को भी लिया गया है लेकिन अभी 6 साल बाद भी इस पर आरोपी संचालक मंडल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

जवाहर नागदेव ने बताया कि उन्होंने इस मामले में पीएमओ तक में शिकायत की पीएमओ के आदेश के बाद इस मामले में नगर निगम रायपुर ने प्लॉट 11 ए और 21 ए के मकान मालिकों को नोटिस जारी कर मकान को तोड़ कर सड़क बनाने के लिए कहा. जिसके बाद मकान मालिकों ने हाईकोर्ट की शरण ली. न्यायालय ने मामले में नगर निगम को नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे. लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद नगर निगम ने भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की.

इधर इस मामले में जब एसपी रायपुर आरिफ शेख से लल्लूराम डॉट कॉम ने बात की तो उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा, “मुझे इस मामले की जानकारी नहीं थी. आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है. इसका परीक्षण कराया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.”

उधर इस पूरे मामले में शिकायत हुए 13 बरस का समय बीत चुका है. बताया जा रहा है कि एक शिकायतकर्ता भजनदास हबलानी की इस दौरान मौत हो गई है लेकिन फर्जीवाड़ा के इस मामले में जो शिकायतकर्ता जीवित हैं उन्हें आज भी न्य