रायपुर- भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत ‘ट्रायबल टूरिस्म सर्किट’ गंगरेल का लोकार्पण आज केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के.जे. अल्फॉन्स ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ बेहद खुबसूरत राज्य है और उनमें से एक धमतरी जिले का गंगरेल बांध भी खूबसूरत जगह है. पर्यटन विभाग द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के तहत गंगरेल बांध को भी ट्रायबल टूरिस्म सर्किट के अंतर्गत शामिल किया गया है, जिससे गंगरेल की खूबसूरती देश-विदेश में फैलेगी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है. पिछले चार साल में वैश्विक पर्यटन में 14 प्रतिशत् की वृद्धि हुई है, वहीं विदेशी पर्यटकों से प्राप्त आय भी 20 प्रतिशत अधिक बढ़ा है.

अल्फॉंन्स ने कहा कि सरकार की नीति तीन साल में पर्यटकों की संख्या को दोगुना करने का है. उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन की सराहना करते हुए कहा कि यहां विकास के नए आयाम गढ़े गए हैं. नया रायपुर की स्वच्छता देखते ही बनती है. उन्होंने राज्य शासन द्वारा चलाए जा रहे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य इत्यादि की सराहना की. कार्यक्रम के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर के सुझाव पर गंगरेल में कृत्रिम बीच बनाने के लिए अल्फॉंन्स द्वारा तकनीकी एवं वित्तीय सहायता देने पर सहमति व्यक्त की गई. उन्होंने कहा कि गंगरेल में सैलानियों के आवागमन पर भी समय सीमा बढ़ाई जाए. शाम पांच बजे के बाद भी खुला रखा जाए. अल्फॉंन्स ने केन्द्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी.
लोकार्पण कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृति, परम्परा, बोली और हस्तशिल्प की विविधताएं संभवतः देश में सबसे ज्यादा है. राज्य में पर्यटन के विकास को लेकर सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गंगरेल में कृत्रिम बीच बनाने कल्पना की गई थी, जिसे केन्द्र सरकार द्वारा तकनीकी एवं वित्तीय सहायता मिलने पर साकार किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां टापू में आधुनिक और अन्य सुविधाएं मुहैय्या कराकर सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनाया जा सकता है. चन्द्राकर ने जिले की विशेषता को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी भी प्रांत में बांधों की श्रृंखला नहीं है, लेकिन धमतरी में बांधों की श्रृंखला है, जो अद्भुत है.  इसे पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किए जाने की आवश्यकता है.

पर्यटन मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि यह राज्य के लिए गौरव का विषय है कि आज दूसरे ट्रायबल टूरिस्ट सर्किट का शुभारंभ राज्य के गंगरेल में हुआ है. उन्होंने बताया कि राज्य की अपनी आदिवासी संस्कृति और परंपराएं हैं, जिसे टूरिस्ट सर्किट के माध्यम से दिखाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत् आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के आठ जिलों के 13 पर्यटक स्थलों को जोड़ा गया है, जिसमें पर्यटकों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से राज्य के राम गमन मार्ग को भी पर्यटन से जोड़ने के लिए आग्रह किया.

क्या है ट्रायबल टूरिस्म सर्किट

भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत् ’ट्रायबल टूरिस्म सर्किट’ में प्रदेश के जशपुर-कुनकुरी-मैनपाट-कमलेश्वरपुर-महेशपुर-कुरदर-सरोधादादर-गंगरेल-कोण्डागांव-नथियानवागांव-जगदपुर-चित्रकोट-तीरथगढ़ सहित 13 प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा. परियोजना के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा 99 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं. इन पर्यटन केन्द्रों में एथनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन डेवलपमेंट के अंतर्गत लॉग हट्स, कैफेटेरिया, गार्डन, पगोड़ा, पार्किंग एवं वॉटर स्पोर्ट्स विकसित किए जाएंगे.