सत्यपाल सिंह रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना चाहते हैं. वे पूरी तरह से निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करना चाहते हैं. स्वास्थ्य मंत्री की कोशिश यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू करने की है. लेकिन लगता है कि व्यवस्था को अव्यवस्था में बदलने वाले सिस्टमधारी लोग ये कभी पूरा नहीं होने देंगे. इसके अनेक उदाहरण समय-दर-समय देखने को मिलते ही रहे हैं. एक बार फिर आज सिस्टमधारी लोगों ने यह साबित कर दिया कि जनता भले ही सत्ता बदल देती है लेकिन सत्ता व्यवस्था को बदल पाए ऐसे सिस्टम में बैठें लोग कभी होने नहीं देते.

नहीं तो 4 सौ किलोमीटर दूर का मरीज राजधानी में बेहतर इलाज के लिए सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में आकर डॉक्टरों के चक्कर नहीं काट रहा होता.  इससे दुःखद क्या होगा कि लाचार-बीमार मरीज को एक ही दिन में 6 बार मेकाहारा से डीकेएस घुमाया जाता है. एक मरीज को अस्पताल में एंबुलेंस होने के बाद भी इसकी मदद नहीं मिलती है. एक मरीज को ऑटो में सफर करने पर मजबूर होना पड़ता है. एक मरीज को इतना तड़पना पड़ता है कि आटो में चढ़ते वक्त वह गिर जाता है.
ये एक मरीज है राजेश सोनवानी. राजेश सोनवानी जो कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इलाके ही रहने वाला है. सूरजपुर से राजेश सोनवानी को बेहतर इलाज के लिए रायपुर अंबेडकर अस्पताल भेजा गया था. लेकिन यहाँ बेहतर इलाज तो दूर इलाज ही नसीब नहीं हो रहा है. बीते 14 दिनों से राजेश कभी मेकाहारा में डाक्टरों के चक्कर काटता, कभी डीकेएस में भटकते रहता है.

राजेश सोनवानी सूरजपुर में सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था. एक्सीडेंट में राजेश के सिर और जबड़े में चोट है. लेकिन इस चोट से ज्यादा चोट तो बीते 14 में दिनों अंबेडकर और डीकेएस प्रशासन दे चुका है. जो उन्हें इलाज देने की बजाए इधर से उधर दौड़ा रहे हैं. राजेश के परिजन धर्मजीत सिंह ने lalluam.com से अपनी पीड़ा बताते हुए रो देते हैं. आँखों में आशु लिए धर्मजीत सिंह जैसा अस्पताल प्रशासन कह रहे हैं बस वही कर रहे हैं. क्योंकि उनके पास निजी अस्पताल में इलाज कराने को पैसा नहीं है. और यहाँ गरीबों के अस्पताल में सरकारी व्यवस्था गरीबों को मजाक उड़ाने में लगी है. उनका दर्द दूर करना छोड़ उन्हें दुःख देने में लगी है.

हालांकि डीकेएस के अधीक्षक केके सहारे से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. आपके माध्यम से यह बात सामने आई है. इसकी पूरी जानकारी लेकर पीड़ित मरीज को पूर्ण इलाज मुहैय्या करवाता हूँ. अगर हमारी ओर से इलाज देने में कोई लापरवाही बरती होगी तो इसमें कार्रवाई भी की जाएगी.

उम्मीद करते हैं राजेश की स्थिति और धर्मजीत सिंह की परिस्थित इस खबर के जरिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव तक जरूर पहुँचेगी. स्वास्थ्य मंत्री अपने इस विभागीय लापरवाही पर जरूर एक्शन लेंगे. राजेश को जल्द से जल्द बेहतर इलाज मिलेगा. राजेश के साथ जैसा अमानवीय व्यवहार हो रहा है वह रुकेगा और आगे किसी और के साथ नहीं होगा.