रायपुर. इन दिनों छत्तीसगढ़ की सियासत में पत्थरगड़ी को लेकर काफी गहमागहमी है. जहां कांग्रेस इस सरकार के प्रति आदिवासियों का असंतोष बता रही है. वहीं सरकार इसे भोलेभाले आदिवासियों को भड़काकर साजिश रचना बता रही है. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि भाजपा और सरकार के लिए मुसीबत का सबब बने इस पत्थरगड़ी आंदोलन का उद्घाटन भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने किया था.

5 वीं अनुसूची का दिया था हवाला    

17 फरवरी नंदकुमार साय ने जशपुर जिले के घोरगढ़ी गांव में इसका आगाज किया था. अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने इस दौरान संविधान की 5 वीं अनुसूची का हवाला दिया था. और इस तरह यहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने की बात शुरू हुई.    

क्या है पत्थरगड़ी ?

आदिवासी जनजीवन के बारे में जानने वाले लोगों का दावा है कि हजारों साल पुरानी परंपरा है पत्थरगड़ी. इस तरह शिला गड़ाकर आदिवासी समाज जमीन पर अपना हक जताता रहा है. इस तरह की ट्राइबव परंपरा के प्रमाण भारत ही नही अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया , दक्षिण अमेरिकी देशों में भी मिलती है.

और गर्मा सकती है सियासत  

पत्थरगड़ी को लेकर कांग्रेस जहां सरकार पर हमले पर हमले बोल रही है, वहीं भाजपा केन्द्रीय मंत्री विष्णदेव साय की अगुवाई में इस इलाके में पदयात्रा निकाल कर इसका जवाब दे रही है . ऐसे में आने वाले दिनों में इस पर सियासत और गर्मा सकती है.

देखिए वीडियो-

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