रायपुर। नान घोटाले को लेकर गठित की गई एसआईटी पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किये हैं. आम आदमी पार्टी ने सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिरकार जिसकी आशंका थी, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की सत्ता में आते ही वही खेल शुरू कर दिया. नागरिक आपूर्ति निगम यानी ‘नान’ घोटाले पर विपक्ष में रहते कांग्रेस बड़े हंगामे खड़ा किया करती थी. वही कांग्रेस सत्ता में आने के बाद इसे सात पर्दों के पीछे छिपाए रखने के लिए इसकी जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से करवाने का निर्णय लिया है.

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रवक्ता उचित शर्मा ने कांग्रेस के साथ ही भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रश्न किया है कि ‘नान’ घोटाले की ही जांच करवानी थी तो छत्तीसगढ़ लोकायुक्त से क्यों नहीं करवाया?

उचित शर्मा ने कहा पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ‘आप’ ने दावा किया था कि कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे के आर्थिक-राजनीतिक अपराधों को ढंकने में सहयोग जारी रखेगी. उन्होंने पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह से सवाल किया कि आम आदमी पार्टी यह पूछना चाहती है कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री को लोकायुक्त पर इतनी ही आस्था थी तो उन्होंने डेढ़ दशक सत्ता में रहते हुए लोकायुक्त संस्थान को मजबूत करने के लिए क्या किया? उन्होंने सत्ता में रहते अपनी सरकार के भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लोकायुक्त को किसी प्रकार का अधिकार दिया ही नहीं, सो उन्हें पता है कि इस नख-दंत विहीन संगठन से जांच करवाई जाती तो उनके लिए सब कुछ आसान हो जाता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात में लोकायुक्त संस्थान को पनपने का कोई मौका नहीं दिया था.

लोकायुक्त को करें मजबूत

वहीं, उचित शर्मा ने प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अगर उन्हें ‘नान’ घोटाले में लिप्त तत्वों का चेहरा जनता के सामने लाने में वाकई दिलचस्पी है तो पहले वह लोकायुक्त संगठन को कर्नाटक की तर्ज पर मजबूत क्यों नहीं करते? इस समय छत्तीसगढ़ के लोकायुक्त को न तो किसी मामले का स्वत:संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है और न ही यहां विशेष लोकायुक्त न्यायालय की व्यवस्था है. इससे यह स्पष्ट होता है कि सत्तासीन पार्टियां लोकायुक्त को सिर्फ अपनी उंगलियों के इशारों पर नाचने वाला संस्थान बनाए रखना चाहती हैं. इससे उन्हें एक-दूसरे का भ्रष्टाचार छिपाने जैसी जनविरोधी गतिविधियां जारी रखने में आसानी होती है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि लोकायुक्त को भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए पर्याप्त शक्तियां दी जाएं.