नई दिल्ली. पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया अब आसान होने वाली है. विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट नियमों में कई बड़े बदलाव किये हैं. 1 जून याने आज से कुछ चीजें बदल जाएंगी. सबसे बड़ा बदलाव पासपोर्ट के पते के तौर पर इस्तेमाल को लेकर किया गया है. जी हां, अब पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर आपके घर का पता नहीं लिखा होगा. इस के अलावा विदेश मंत्रालय ने एक और कैटेगिरी में पासपोर्ट को लॉन्च करेगा.

विदेश मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक अब पासपोर्ट की बुकलेट पर आखिरी पन्ने पर घर का पता नहीं होगा, बल्कि उसकी जगह पर एक बारकोड होगा. जिसमें पासपोर्ट होल्डर की जारी जानकारी होगी. अब आप पासपोर्ट के इस्तेमाल अपने एड्रेस प्रूफ के लिए नहीं कर सकेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि अब पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर आपके घर का पता नहीं लिखा होगा, बल्कि उसकी जगह पर एक बारकोड होगा. जिसे स्कैन करके अधिकारी को आपकी पूरी जानकारी मिल जाएगी. हालांकि नई व्यवस्था पासपोर्ट के बुकलेट की नई सीरिज पर होगी. मतलब जब तक रीजनल पासपोर्ट ऑफिस के पास पुरानी बुकलेट है तब तक आखिरी पन्ने पर पता लिखा जाएगा.

बताया जा रहा है कि अब तक पासपोर्ट बनवाने के लिए मंत्रालय ने बर्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य कर रखा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जानकारी के अनुसार, अब तक 26 जनवरी, 1989 या उसके बाद जन्म लिए लोगों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य था, लेकिन अब नगर निगम के रजिस्ट्रार, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार या सर्टिफाइड अथॉरिटी से बनवाया गया बर्थ सर्टिफिकेट मान्य होगा.

यही नहीं, किसी शैक्षणिक संस्था की तरफ से जारी किया गया ट्रांसफर या स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट भी पूरी तरह से मान्य होगा. पैन कार्ड, आधार कार्ड या ई-आधार, ड्राइविगं लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड भी पासपोर्ट बनाने के लिए मान्य होंगे. इसके अलावा माता-पिता का विवरण देना आवश्यक नहीं है. इसकी जगह आप अभिभावक या साधु-संत आध्यात्मिक गुरू का नाम दे सकते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि पासपोर्ट फॉर्म में कॉलम की संख्या को भी मंत्रालय ने 15 से घटाकर 9 कर दिया है. इसमेंA, C, D, E, J और K को हटा दिया गया है. वहीं, अब तक आपको पासपोर्ट के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट, नोटरी आदि से सत्यापन (अटेस्टेशन) करना होता था, लेकिन अब आपको केवल पेपर पर सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा.