रायपुर। बच्चा बेचने वाली कथित डॉ. शानू मसीह के पास किसी तरह का कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है. मेडिकल काउंसिल से उन्हें कोई नंबर भी नहीं मिला है और न ही नर्सिंग होम एक्ट के तहत का कोई नंबर उन्हें दिया गया है. जो नंबर उनके क्लिनिक में लिखा है वह डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना का नंबर 1030 है. यह कहना है मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार श्रीकांत राजिमवाले का.  यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल काउंसिल की ओर से एक नंबर एक ही व्यक्ति को दिया जाता है. कोई दूसरा मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. ऐसा करना अपराध है.  इस मामले में डॉ सक्सेना को शानू मसीह के खिलाफ एफआईआर करानी चाहिए.
डॉ. श्रीकांत राजिवाले, रजिस्ट्रार, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआई)
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वहीं हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि किसी सीनियर डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल करना गंभीर अपराध है. यह स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही है. क्योंकि पूरी तरह से धोखाधड़ी का मामला है. इस मामले में सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कार्रवाई नहीं होगी तो समझेंगे कि इसमें सरकार की ओर से सरंक्षण प्राप्त है. क्योंकि डॉ. शानू मसीह के पास किसी तरह कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं.
डॉ. राकेश गुप्ता, अध्यक्ष, हॉस्पिटल बोर्ड
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जबकि एडिशन एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि डॉ. शानू मसीह से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं. मामले की जांच जा रही है.  शानू मसीह ने बताया कि इससे पहले भी वे ओड़िसा में चार बच्चें बेच चुकी हैं. जहां तक फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन नंबर के इस्तेमाल की बात सामने आई है तो इस बिंदू को भी जांच के दायरे में लिया गया है. इस मामले में भी पूछताछ की जाएगी.
प्रफुल्ल ठाकुर, एएसपी
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