रायपुर . छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अश्लील सीडी कांड में कारोबारी रिंकू खनूजा की खुदकशी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने कांग्रेस भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस रखी थी. इस दौरान कांग्रेस में खनूजा की मौत को सुनियोजित राजनीतिक हत्या बताया है.

कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता किरणमयी नायक ने कहा कि रिंकू खनूजा की मौत सुनियोजित राजनीतिक हत्या है. हमे अपने ऑब्सर्वेशन में पाया कि यह सुनियोजित हत्या है. रिंकू खनूजा की मौत के बाद सामने आई तस्वीरों और सीन ऑफ क्राइम के जरिये ये बात साबित हो रही है, कि ये आत्महत्या नहीं है, बल्कि प्री प्लान्ड पॉलिटिकल मर्डर है. ये हत्या इसलिए की गई है कि बीजेपी के प्रभावशील नेता जांच के दायरे में आ रहे थे. इसलिए रिंकू खनूजा को रास्ते से हटाया गया. नायक ने बताया कि घटनास्थल को सीलबंद नहीं किया गया. फोरेंसिक एक्सपर्ट को नहीं बुलाया गया. हमें अभी यह नहीं पता कि पीएम की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई है या नहीं.

नायक ने बताया कि रिंकू खनूजा की मौत के बाद कांग्रेस डेलिगेशन मृतक के घर गया था. वहां उसकी हाइट पूछी गई घरवालों ने बताया कि साढ़े 5 फ़ीट की हाइट थी, लेकिन घटनास्थल पर सीलिंग की हाइट 5 फ़ीट से ज्यादा नहीं थी.नायलॉन की रस्सी में नॉट जिस तरीके से बंधा है, उसे अकेले व्यक्ति नहीं बांध सकता. रिंकू खनूजा के एक पैर में गीली मिट्टी पाई गई है, जो घटनास्थल पर कहीं नही थी. खनूजा के पंजों पर खून का जमाव हो गया था. लेकिन यदि उसका घुटना मुड़ा होता तो खून का यह जमाव पंजों पर नहीं आ सकता था. रिंकू खनूजा की जीभ काली पड़ी हुई है. यह उसी कंडीशन में हो सकता है जब तीव्र स्वांस अवरोध हो सकता है. लेकिन यदि फांसी लगाएगा तो जीभ के सहारे खून जिस तरह गर्दन लटकी हुई थी वहां नजर आता. ऐसी संदिग्ध मौत के मामले में बॉडी को जलाने से पुलिस मना करती है लेकिन आनन फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया. मृतक का जल्दबाजी में पोस्टमॉर्टम किया गया. जो कही न कही पूरे मामले में संदेह पैदा करते करता है.

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि सीन ऑफ क्राइम झूठ नहीं कहता. जब किसी व्यक्ति को लटकाया जाएगा तो उसके वजन के आधार पर पैर हवा में होगा तभी घुटन होगी और व्यक्ति की मृत्यु होगी. ऐसे संदेहास्पद मौत पर पोस्टमार्टम के दौरान एक निष्पक्ष व्यक्ति खड़ा होना चाहिए, लेकिन खड़ा क्यों नहीं किया गया?

इसी बीच किरणमयी नायक ने यह भी बताया कि सीबीआई लगातार तीन दिन से रिंकू खनूजा को बुलाकर प्रताड़ित कर रही थी. 4 तारीख को भी सीबीआई ने रिंकू को बुलाया था, लेकिन वह नहीं आया, इसके बाजवूद सीबीआई ने पूछताछ क्यों नहीं की. घटनास्थल पर सीबीआई क्यों नहीं गई? सीडी मामले में जब रिंकू प्रमुख कड़ी था, तो सीबीआई को घटनास्थल पर जाना चाहिए था. किरणमयी का यह भी आरोप है कि रिंकू खनूजा को अन्य स्थान पर मारकर उसकी बॉडी को शिफ्ट किया गया है. नायक ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि लवली खनूजा और कैलाश मुरारका के साथ एक उद्योगपति का नाम आ रहा था, लेकिन इन्हें लेकर सीबीआई ने क्या किया? किरणमयी नायक ने सीबीआई के अधिकारी रिछपाल सिंह पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनका पुराना रिकॉर्ड रहा है. बिलासपुर के एक मामले की जांच से भी वह जुड़े हुए है, जिस मामले में आज तक कुछ नहीं हो सका है.

वरिष्ठ वकील फैसल रिजवी ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के बाद अचानक सीबीआई जाग गई है. रिजवी ने बताया कि विनोद वर्मा को मोहरा बनाया गया.उनकी गिरफ्तारी के लिए रायपुर पोलिस की टीम दो दिन पहले से ही दिल्ली में बैठी थी.

आज की इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस ने सेक्स सीडी कांड और रिंकू खनूजा मौत मामले की जांच एक साथ किये जाने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच कराये जाने की भी मांग की है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अश्लील सीडी कांड मामले में सीबीआई की जांच के घेरे में आने वाले रिंकू खनूजा ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली थी. रिंकू खनूजा ने राजेन्द्र नगर में स्थित अपने ऑफिस में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. रिंकू खनूजा राजेन्द्र नगर में ऑटो मोबाइल और प्रापर्टी डीलिंग का कारोबार करता था. इसी दफ्तर में सोमवार देर रात खनूजा ने फांसी लगा ली. वही घटना के बाद रिंकू खनूजा के परिजनों का आरोप है कि सीबीआई वाले लगातार पूछताछ कर रिंकू को प्रताड़ित कर रहे थे. लंबे समय से चल रही प्रताड़ना से त्रस्त होकर रिंकू ने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया.

गौरतलब है कि कथित अश्लील सीडी कांड राज्य के PWD मंत्री राजेश मूणत से जुड़ा हुआ है. सीडी मामले में पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया गया था. वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल पर अपने घर से सीडी वितरण के आरोप लगे थे. राजनैतिक बवाल के बाद प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी. सीबीआई की रिपोर्ट में रिंकू खनूजा का भी नाम शामिल था.