रायपुर। मैं आप सबके अभारी हव जेन आप सब झिन मन मोला ये आसंदी तक के पहुँचाएव हव. मैं मुख्यमंतरी भूपेश बघेल सहित सब्बों बिधायक मन अभारी हव उमन ल धन्यवाद कहना चाहत हव. मोला बड़का जिम्मेदारी दे हे. मैं अपन पुरखा मन ल याद करना चाहत हव. मैं छत्तीसगढ़ी महतारी परनाम करत हव. मैं परदेस के सब्बो मतदाता मन के अभार करत हव.

कुछ ऐसे ही वाक्यों के साथ आज पहली बार विधानसभा में किसी अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने भासन की शुरुआत की. उन्होंने सदन को पूरा भरोसा दिलाया कि वे किसी भी तरह से कोई भेदभाव सदन के भीतर होने नहीं देंगे. पक्ष-विपक्ष सभी को साथ लेकर चलेंगे. छत्तीसगढ़ की जो सांस्कृति परंपरा रही है. यहां के पुरखों की जो धारणा रही है. यहां का जो सतनाम और कबीर परंपरा रहा है उनके अनुरूप हम सब मिलकर काम करेंगे. सदन के भीतर संसदीय परंपराओं के मुताबिक गरिमामय तरीके से कार्यवाही चलेगी. यहां अनेक अनुभवी विधायक हैं उन सभी का लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा.