रायपुर. विधानसभा मानसून सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा. कार्यवाही के पहले दिन ही विपक्ष ने बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड मामले में सीबीआई जांच के घेरे में आने के बाद रिंकू खनूजा की कथित आत्महत्या का मामला उठाया. इस मामले को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा ​किया. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की गई.

सदन की कार्यवाही जब दुबारा शुरू हुई, तब विपक्ष ने एक बार​ फिर रिंकू खनूजा की आत्महत्या का मामला उठाते हुए चर्चा की मांग की. जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. विपक्षी सदस्य अपने सीट पर खड़े होकर कर नारेबाजी कराने लगे. नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्य गर्भगृह में प्रवेश किया. वहां पर भी ये सदस्य नारेबाजी करते रहे. जिस पर आसंदी ने विपक्षी सदस्यों को निलबिंत कर किया. आसंदी ने सदस्यों को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया. बावजूद इसके सभी सदस्य गर्भगृह में धरने पर बैठे रहे.बाद में आसंदी ने विपक्षी सदस्यों का निलंबन वापस ले लिया साथ ही सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी.

बता दे कि बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड मामले में सीबीआई जांच के घेरे में आने के बाद रिंकू खनूजा की कथित आत्महत्या का मामला सदन में आज जमकर उबला. कांग्रेस ने खनूजा की मौत को सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए स्थगन पेश कर चर्चा की मांग थी. आसंदी ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. स्थगन खारिज होने से नाराज विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. नारेबाजी करते हुए रिंकू खनूजा की मौत मामले में जांच कराए जाने की मांग की थी.

भूपेश बघेल ने कहा कि  रिंकू खनूजा की पत्नी ने एसपी को पत्र लिखा है कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. इस आत्महत्या मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की भूमिका बेहद संदिग्ध है. कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी सुरक्षित नहीं है.

प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था है. सीबीआई जिस मामले की जांच कर रही है, उसकी चर्चा सदन में नहीं कराई जा सकती. जो मामला विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, उस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती.

भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव ने कहा कि रिंकू खनूजा की मौत मामले की जांच पुलिस कर रही है. रिंकू की मौत सीबीआई पूछताछ के दौरान हुई है. बघेल ने कहा कि राजधानी में इस तरह से मौत हो रही है. अब तक इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पेश नहीं की गई. प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. ये बेहद गंभीर मामला है.