रायपुर-

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित की गई। बैठक में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई और मध्यान्ह भोजन व्यवस्था के बारे में विचार किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत शिक्षकों से बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राज्य में इस संवर्ग के कुल एक लाख 42 हजार 657 शिक्षकों में से एक लाख 22 हजार 921 शिक्षक अनाधिकृत रूप से आंदोलन में थे और तीन हजार 249 शिक्षक अवकाश पर थे। इस प्रकार ग्यारह हजार से ज्यादा शिक्षक हड़ताल पर नहीं है। अब तक सात संगठनों ने स्वयं को इस हड़ताल से अलग कर लिया है। इनके अलावा जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, उनमें से अब काम पर लौटने वाले शिक्षकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कल 27 नवम्बर की स्थिति में साढ़े पांच हजार से ज्यादा शिक्षक काम पर लौट आएं हैं। इनके अलावा प्रोबेशन में कार्यरत लगभग दो हजार शिक्षक भी ड्यूटी पर आ चुके हैं। रायपुर जिले में 800, जांजगीर-चांपा जिले में 678, जशपुर जिले में 528, गरियाबंद जिले में 496, बलौदाबाजार जिले में 451, सूरजपुर जिले में 303, कांकेर जिले में 208, राजनांदगांव जिले में 281 और सरगुजा जिले में 247 शिक्षक काम पर लौट चुके हैं। अन्य जिलों में भी ड्यूटी पर लौट रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को खुला रखने, अध्यापन कार्य सुचारू रूप से जारी रखने और मध्यान्ह भोजन व्यवस्था के लिए वैकल्पिक उपाय किए हैं। आंदोलन अवधि में प्राथमिक शालाओं में पढ़ाई और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था ग्राम पंचायतों द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। स्कूलों की स्थिति पर लगातार निगाह रखी जा रही है।
विभिन्न जिलों में बच्चों के हितों को ध्यान में रखकर स्कूलों में अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। सभी जिलों में स्कूल नियमित रूप से खुल रहे हैं। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम सुचारू रूप से चल रहा है। जशपुर जिले में शिक्षा दान-महादान अभियान शुरू किया है, जिसमें साक्षरता कार्यक्रम के प्रेरकों, एनसीसी और एनएसएस के विद्यार्थियों और जिले के सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के परिजनों द्वारा स्वयंसेवी आधार पर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। सरगुजा जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों की पढ़ाई जारी रहे, इसके लिए विकल्प के रूप में स्थानीय युवाओं को वॉक-इन-इंटरव्यू में बुलाया जा रहा है।