रायपुर- सतनामी समाज के गुरू बालदास का अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस प्रवेश की खबरों के बीच बीजेपी संगठन तमाम पहलूओं की समीक्षा कर रहा है. संगठन के नेताओं की माने तो इस बात का आंकलन किया जा रहा है कि अनुसूचित जाति वर्ग की सीटों पर इसका कितना प्रभाव होगा? इस बीच गुरू बालदास के कांग्रेस प्रवेश को लेकर जब मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह से सवाल पूछा गया उन्होंने दो टूक कहा कि- ‘राजनीतिक दलों में आना- जाना चलता रहता है. ये उनका निजी विचार है’.

गौरतलब है कि गुरू बालदास सतनामी समाज के बड़े धर्मगुरू हैं. समाज में उनका अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है. ऐसे में माना जा रहा है कि ऐन चुनाव के ठीक पहले उनका कांग्रेस में जाना कई तरह के सियासी समीकरणों को बनाने-बिगाड़ने में अहम भूमिका निभा सकता है. गुरू बालदास ने 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सतनाम सेना का गठन कर अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में अपने उम्मीदवार उतारे थे. परंपरागत वोट बैंक नहीं होने के बावजूद इन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 10 सीटों में से 9 सीटें बीजेपी के खाते में गई थी. इन सीटों पर बीजेपी की जीत ने ही राज्य की सत्ता में तीसरी बार पार्टी को बिठाने में अहम भूमिका निभाई थी. तब कहा ये गया कि गुरू बालदास की नई पार्टी ने बीजेपी को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचाया.

इस चुनाव में जोगी कांग्रेस और बसपा के बीच हुए गठबंधन के बाद माना जा रहा था कि अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित इन सीटों के नतीजे अप्रत्याशित होंगे, लेकिन सतनामी समाज के गुरू बालदास के कांग्रेस में शामिल होने के बाद तमाम समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं. हालांकि गुरू बालदास कांग्रेस के लिए कितना असरकारक होंगे? यह चुनावी नतीजे ही बयां करेंगे.