रायपुर। भाजपा सांसद सुनील सोनी द्वारा किसानों की कर्ज़ माफी और अंतर की राशि के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि 15 वर्षों तक सत्ताशीन, किसानों को वोट बैंक समझने वाली भाजपा, वादाखिलाफी करने वाली भाजपा किसानों की आर्थिक उन्नति से आज बोखला क्यों गई है।

कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र पर किए गए वादों को समय अनुसार पूरा करते हुए आगे बढ़ रही है प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना सार्थक दिखाई पड़ रही है, देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है मगर छत्तीसगढ़ की आर्थिक व्यवस्थाएं भूपेश सरकार के जनहितकारी फैसलों के चलते पटरी पर है।

कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जिस भाजपा ने धान के बोनस के नाम पर छलने का कार्य किया वह कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं। भाजपा सांसद सुनील सोनी को यह पता होना चाहिए घोषणा पत्र 15 माह के लिए नहीं 5 वर्षों के लिए होता है कांग्रेस पार्टी एवं भूपेश सरकार किसानों से किए गए हर वायदों को पूरा करेगी किसानों को इस बात का पूरा भरोसा है, मगर भारतीय जनता पार्टी और उनके सांसदों को चिंता इस बात की है किसानों के विषय पर भाजपा फेल न हो जाये इसलिए खबरों में बने रहने एवं दिखावा मात्र के लिए इस विषय पर बोलते रहते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि, भाजपा सांसद सुनील सोनी को किसानों की इतनी ही चिंता है तो देश के सर्वोच्च सदन लोकसभा में किसानों के मुनाफे पर 50 प्रतिशत अधिक राशि देने के वायदों एवं किसानों की आय दुगनी कब होगी यह सवाल देश के प्रधानमंत्री से पूछने का साहस करें तथा स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट लागू करने केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं, कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी होगी।

कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि प्रदेश की प्रशासनिक फेरबदल प्रशासकीय व्यवस्था है, प्रजातंत्र के उच्च पद पर निर्वाचित भाजपा सांसद सुनील सोनी को यह ज्ञात होने चाहिए। प्रशासनिक अराजकता पर चिंता करना लाजमी है परंतु वर्तमान में भाजपा की नहीं कांग्रेस की सरकार है इतिहास इस बात का गवाह है कि सरकार चलाना कांग्रेस ने बेहतर रूप से सीखा है।

कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहां की कोरोना संक्रमण से उपजे हालातों पर देश की जनता ने देश के प्रधानमंत्री के हर आदेशों का पालन किया परंतु जिन कठिनाइयों का सामना देश की जनता ने किया उन कठिनाइयों से निजात मिलती दिखाई नहीं पड़ रही है, निजी स्वार्थ के लिए देर से लिए गए लॉकडाउन के फैसले, गैर जिम्मेदाराना निर्णय ने आज भारत में संक्रमित ओं की संख्या डेढ़ लाख के करीब पहुंच चुकी है।