रायपुर- राज्य के स्कूलों में स्कूली बच्चों को कक्षा पहली से बारहवीं तक दाखिला ले चुके किसी भी बच्चे की, किसी भी कारण से आकस्मिक मृत्यु पर उसके शोक संतप्त परिवार को एक लाख रूपए की सहायता दी जाएगी। आदिवासी विश्वविद्यालय का क्षेत्रीय केन्द्र बस्तर में खोलने का प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। बस्तर संभाग के जिला मुख्यालय बीजापुर में हवाई पट्टी निर्माण के लिए वन विभाग को दस करोड़ रूपए दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज  छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में इस आशय के अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में यह भी तय किया गया कि राज्य में जिन जातियों के नामों में स्पेलिंग की सामान्य गलतियों के कारण जाति प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहे हैं, उनके मामलों के निराकरण के लिए प्रदेश

के आदिम जाति विकास मंत्री  केदार कश्यप के नेतृत्व में विभाग का एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिल्ली जाकर केन्द्रीय जनजातीय मामलों के कमिश्नर से चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि लोक सुराज अभियान 2017 के दौरान आठवीं कक्षा के शत-प्रतिशत बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र जारी कर दिए जाएं। नागवंशी समुदाय के बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र जारी करने में आ रही तकनीकी दिक्क्तों को देखते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि उन्हें अस्थायी जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जाए और शिष्यवृत्ति, छात्रवृत्ति तथा छात्रावासों में प्रवेश की सुविधा दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में पहली से बारहवीं तक पढ़ाई करने वाले किसी भी बच्चे की अगर किसी भी कारण से मृत्यु होती है, तो उसके शोक संतप्त परिवार को एक लाख रूपए की सहायता दी जाएगी। यह निर्णय प्रदेश के सभी स्कूलों में और सभी वर्गो के बच्चों के लिए लागू होगा।
मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को असर्वेक्षित रह गए लगभग 831 बसाहटी गांवों का सर्वेक्षण आईआईटी रूड़की और अन्य एजेंसियों के सहयोग से एक वर्ष के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा राज्य के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और कोरबा के एजुकेशन सिटी परियोजना के लिए केन्द्रीय अनुदान हेतु प्रस्ताव भी जल्द बनाने के निर्देश दिए गए।  बैठक में बताया गया कि बस्तर संभाग के जिला मुख्यालय बीजापुर में हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की मांग की अनुसार दस करोड़ रूपए दिए जाएंगे। वन विभाग ने हवाई पट्टी बनाने के लिए 37 हेक्टेयर जमीन की भी मांग की है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के आदिवासी छात्रावासों और आश्रम शालाओं में बच्चों की सुविधा के लिए नयी व्यवस्था शुरू की गयी है। इसके तहत आज की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार छोटे मरम्मत कार्यों के लिए 50 सीटों वाले प्रत्येक छात्रावास और आश्रम शाला को 25 हजार रूपए और 100 सीटों से अधिक छात्रावास-आश्रम शाला को 40 हजार रूपए की अग्रिम राशि दी जाएगी। यह राशि अधीक्षक के नाम पर जारी होगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को नक्सल पीड़ित व्यक्तियों के आश्रितों के पुनर्वास के लिए विकासखंड मुख्यालयों में स्थित नगर पंचायतों में आवश्यकता के अनुसार मकान दिलाने के भी निर्देश दिए.

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