पुरुषोत्तम पात्र. गरियाबंद। छुरा के जनपद सीईओ विजय नारायण तिवारी को 1 लाख 70 हजार रुपये के फर्जी बिल समेत सरकारी खजाने से सिगरेट का भुगतान करना महंगा पड़ गया. जांच में सरकारी खजाने का दुरूपयोग और अनियमितता की पुष्टि के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.

मामले की शिकायत के बाद आदिम जाति कल्याण विभाग के उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने छुरा जनपद सीईओ विजय नारायण तिवारी द्वारा सिगरेट पैकेट के लिए सरकारी खजाने से भुगतान को गंभीर माना. जांच दल ने पाया कि सरकार के सुराज अभियान के दौरान ऐसे ही 16 बिल वाउचर का कुल भुगतान 1 लाख 70 हजार 91 रुपए का  सीईओ ने किया है. जिसे आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में माना गया. जांच पूरी होने के पश्चात विभाग के अवर सचिव  सुधीर कुमार काले ने प्रशासनिक सेवा अधिनियम 1966 के नियम 9 का हवाला देते हुए सीईओ को निलंबित कर दिया है. निलंबन की अवधि में सीईओ का मुख्यालय नया रायपुर स्थित विभाग के विभागाध्यक्ष कार्यालय होगा.

आपको बता दें कि सीईओ ने सिगरेट के भुगतान के अलावा वाहनों के कोरे बिल में भी लंबी राशि का भुगतान किया था. मामले में छुरा जनपद के सदस्य डेमन सिन्हा ने सूचना के अधिकार के तहत भुगतान की सारी जानकारी निकाल कर मामले की शिकायत कलेक्टर गरियाबंद के अलावा विभागीय सचिव को किया था. जांच रीना बाबा साहेब कंगाले की नेतृत्व में पूरी होने के बाद विभाग ने निलंबन की कार्रवाई किया है.