रायपुर. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि सीबीएसई  10वीं के गणित का पेपर दोबारा नहीं कराएगी. ये फैसला सीबीएसई और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में लिया गया. इस फैसले के पीछे कई कारण पाए गए हैं. अभी तक क्राइम ब्रांच को गणित के पेपर के लीक होने को लेकर ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं. बैठक में माना गया है कि किसी एक ईमेल को लेकर लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ फ़ैसला नहीं लिया जा सकता.

सीबीएसई ने कुछ बच्चों की स्कूल में हुई परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मिलान बोर्ड की उत्तर पुस्तिका से किया. जिसमें बोर्ड ने बच्चों की प्रदर्शन में ख़ास फ़र्क नहीं पाया है. इसके बाद सीबीएसई ने दोबारा परीक्षा न कराए जाने का फैसला किया. बैठक में माना गया है कि किसी एक ईमेल को लेकर लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ फैसला नहीं लिया जा सकता.

सीबीएसई ने कुछ बच्चों की स्कूल में हुई परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मिलान बोर्ड की उत्तर पुस्तिका से किया. जिसमें बोर्ड ने बच्चों की प्रदर्शन में ख़ास फ़र्क नहीं पाया है. इसके बाद सीबीएसई ने दोबारा परीक्षा न कराए जाने का फैसला किया.

गौतलब है कि सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सीबीएसई को गणित की फिर से परीक्षा कराने का फैसले को लटकाने को लेकर फ़टकार लगाई थी. इससे पहले  सीबीएसई ने 10वीं की गणित की और 12वीं की इकोनॉमिक्‍स की परीक्षा फिर कराने का ऐलान किया था. लेकिन बोर्ड के फैसले के  खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि मैथ और इकोनॉमिक्स के पेपर के अलावा अन्य विषयों के पेपर भी परीक्षा से पहले लीक हुए हैं.

वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने  कहा था कि परीक्षा से 30 मिनट पहले दो-तीन पेपर व्हाट्सएप्प के जरिये लीक कर दिये गए थे. इस मामले की जांच के लिए स्पेशल जांच टीम का गठन कर दिया गया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 25 लोगों से विशेषकर छात्रों से पूछताछ की है. जिनके पास हैंड रिटेन पेपर्स मिले थे.