उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर में कोरोना संक्रमण को रोकने 11 दिवसीय महारुद्र विशेष यज्ञ अनुष्ठान प्रांरभ किया गया है. इस दौरान मंदिर के नंदी गृह में सवा लाख महा मृत्युंजय मंत्र का जाप भी किया जा रहा है. इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देशय देश-दुनिया को कोरोना वायरस से मुक्ति दिलाना है. एक बैठक में 70 पुजारी-पुरोहित महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करेंगे. इस दौरान सामाजिक दूरी, मास्क, सेनेटाइज का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

शासन की गाइडलाइन के अनुरूप व्यवस्था

बता दें कि विश्वभर में छाए महामारी के संकट को देखते हुए मंदिर समिति द्वारा महायज्ञ अनुष्ठान का आयोजन शुरू किया गया है. जिसका उद्देश्य जनस्वास्थ्य को लाभ पहुंचना और महामारी से मुक्ति दिलवाना है. एक बैठक में 11 दिन में 70 पुजारी पुरोहित पूरा करेंगे सवा लाख महामृत्युंजय मंत्रों का जाप. हालांकि इसमें शासन की गाइडलाइन के अनुरूप ही व्यवस्थाएं की गई है. इसमें किसी प्रकार से दर्शनार्थियों को तकलीफ नहीं होगी. मंदिर की आरती में किसी प्रकार से बदलाव नहीं किया जाएगा.

 

हर रोज एक महारूढ़ बनाएंगे

अनुष्ठान महाकालेश्वर मंदिर समिति की और से आयोजित है. 11 दिवसीय अनुष्ठान अतिरुद्र अभिषेक और महामृत्युंजय का पाठ इसमें शामिल है. अंतिम दिन पूर्णाहुति देकर इसका समापन किया जाएगा. यज्ञ के आस पास आहुति देने 70 पुरोहित बैठेंगे. जो हर रोज एक महारूढ़ बनाएंगे और 11वें दिन एकादशी पर अतिरुद्र के रूप देंगे.

19 अप्रैल को यज्ञ का समापन

मंदिर के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने बताया कि 19 अप्रैल को यज्ञ का समापन होगा. चूंकि आज प्रदोष व्रत है और बाबा महाकाल को प्रदोष अत्यंत प्रिय है. सवा लाख मंत्रों से होने वाले इस जप में सामाजिक दूरी, मास्क, सेनेटाइज व श्रद्धालुओं के दर्शन व्यवस्था में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी. आरती समय-समय पर हो, इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है.