जिला अस्पताल में बड़ा मामला सामने आया है. जिला चिकित्सालय में डिलीवरी कराने पहुंची 11 महिलाएं ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) पॉजीटिव पाईं गई. इस मामले के सामने आते ही एकदम से हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि इन महिलाओं को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि वो एचआईवी पॉजीटिव हैं.

पूरा माला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिला अस्पताल का है. इन महिलाओं के प्रसव कराने के बाद इनका HIV का उपचार किया जा रहा है. वहीं अब इन महिलाओं के पैदा हुए नवजात शिशुओं की भी जांच की जाएगी कि वो एचआईवी पॉजीटिव तो नहीं हैं. मेरठ महिला अस्पताल की डॉ. सुमन पंवार ने बताया, ‘जब मेरठ के महिला जिला अस्पताल में महिलाओं की डिलीवरी से ठीक पहले एचआईवी जांच की गई तो इन्हें एचाईवी वायरस से संक्रमित पाया गया. अस्पताल इन महिलाओं के इलाज के साथ-साथ इनको इस रोग के बारे में जागरूक भी करेगा.’

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बता दें कि एचआईवी वायरस की शरीर में उपस्थिति पर ऐसे शख्स को एचआईवी पॉजीटिव कहते हैं. लोग एचआईवी पॉजीटिव को एड्स का मरीज समझने लगते जबकि इस वायरस की शरीर में उपस्थिति के कुछ समय बाद उसकी प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने लगती है, जिससे वो तरह-तरह की बीमारियों का शिकार बनने लगता है इस स्थिति को एड्स कहते हैं. अभी तक ये बीमारी लाइलाज है. फिलहाल अभी तक एचआईवी पॉजीटिव पाए जाने के बाद किसी भी शख्स को एड्स होने के समय को दवाओं की मदद से बढ़ाया जा सकता है. इनमें से कुछ बीमारियां ठीक भी हो सकती हैं. एड्स के इलाज के लिए मेडिकल के एआरटी सेंटर बनाए गए हैं.

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