नई दिल्ली। भारत में कोरोना मरीज ऑक्सीजन की कमी से अपनी जान गंवा रहे हैं. एक साथ ज्यादा मरीज आ जाने से अस्पतालों में आक्सीजन की कमी हो गई. इसके साथ की जरूरी उपकरणों का भी दबाव देखा जा रहा है. इसी कमी को देखते हुए भारत अब आक्सीजन का आयात करेगी. सरकार के अधिकार प्राप्त समूह इम्पावर्ड ग्रुप 2 ने पीएसए संयंत्रों के लिए 100 अस्पतालों की पहचान कर 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सी का आयात का निर्णय लिया है.

इसके साथ ही ऑक्सीजन मांग वाले 12 राज्यों की ट्रेसिंग की गई है. गुरुवार को ईम्पावर्ड ग्रुप 2 की बैठक हुई. इसमें बताया गया कि 12 राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल) में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा मांग है. इसके अभाव में मरीजों की मौत हो रही है.

इम्पावर्ड ग्रुप 2 ने अस्पतालों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन के आयात करने पर मुहर लगाई है. इस ऑक्सीजन आयात के लिए जल्द ही टेंडर जारी की जाएगी. ग्रुप 2 मेडिकल ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति के हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.

100 अस्पतालों की पहचान करने की गुजारिश

प्रेशर स्विंग एडसोरप्शन (पीएसए ) प्लांट ऑक्सीजन निर्माण करते हैं और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अस्पतालों को अपनी आवश्यकता के लिए आत्मनिर्भर बनने में योगदान करते हैं. स्वीकृत 162 पीएसए प्लांटों को अस्पतालों में ऑक्सीजन निर्माण बढ़ाने के लिए बारीकी से समीक्षा की जा रही है. ईम्पावर्ड ग्रुप 2  गृह मंत्रालय से पीएसए प्लांट के लिए 100 अस्पतालों की पहचान करने की गुजारिश की है.

राज्यों की जरूरतों के हिसाब से मेडिकल ऑक्सीजन के स्रोत और उनकी उत्पादन क्षमता की ब्लू प्रिंट तैयार की गई है. साथ ही मेडिकल ऑक्सीजन के स्रोतों पर राज्यों का मार्गदर्शन करने के लिए एक सांकेतिक ढांचा विकसित किया गया है. 20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को उनकी अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए इन 12 राज्यों को 4880 मीट्रिक टन, 5619 मीट्रिक टन और 6593 मीट्रिक टन की आपूर्ति करने का फैसला लिया गया है.