प्रतीक चौहान. रायपुर. राजधानी रायपुर के एक व्यापारी से 20 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. हैरानी की बात ये है कि पीड़ित करीब 6 साल बाद पुलिस के पास पहुंचा और अब दिल्ली की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दो डायरेक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 का मामला दर्ज हुआ है. ये एफआईआर माना कैंप थाने में दर्ज कराई गई है. Also Read: Raipur: सरकारी नौकरी लगाने ली 200% की गारंटी… फिर अपनी रिश्तेदार को शासकीय कर्मचारी ने बनाया ठगी का शिकार, FIR में एक IAS का भी नाम

पुलिस के मुताबिक प्रार्थी रामअवतार अग्रवाल डायरेकटर सिंघल प्रा. लिमिटेड बी/137 डूमरतराई में बिलेट, इंगट (छड़ बनाने में उपयोगी) का क्रय-विक्रय करता है. उनसे दिल्ली की प्राईम गोल्ड सेल जेवीसी लिमि द्वारा खरीदी बिक्री करने हेतु अधिकृत करने का आश्वासन देकर प्रार्थी से दो ट्रक माल लेकर बिना खाते में राशि के दो चेक देकर प्रार्थी के साथ धोखाधडी की.

 प्रार्थी के मुताबिक किसी अचिन अग्रवाल ने उनसे संपर्क किया तथा अपनी कंपनी प्राईम गोल्ड को बहुत बड़ी कंपनी बताते हुए अपनी बातों में फंसाकर दो गाड़ी बिलेट खरीदी का सौदा किया तथा माल पहुंचने के 15 दिन के अंदर माल की राशि का भुगतान देने का वादा किया. इस बात की पुष्टि के लियें उन्होने अपनी कंपनी के मुख्य संचालक प्रदीप अग्रवाल एवं श्रीमति गीता देवी अग्रवाल से भी फोन में बात कराई और हमें उनके द्वारा पूर्ण आश्वासन दिया गया कि वे निरंतर माल दे और वे इन्हें खूब मुनाफा देंगे. लेकिन 9 फरवरी 2016 को माल भेजने के बाद भुगतान नहीं हुआ तो प्रार्थी कुछ महीने बाद दिल्ली पहुंचे. जहां उन्हें दो चेक 20 करीब लाख के दिए जो बाउंस हो गए. इसके बाद पुनः बातचीत का सिलसिला चलता रहा और चंद दिनों पहले जब रायपुर से उक्त फर्म का कर्मचारी भुगतान लेने दिल्ली गया तो उसे वहां बंधक बना लिया गया. जिसके बाद पीड़ित व्यापारी पुलिस के पास पहुंचा और उसने एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने प्रार्थी की शिकायत पर आरोपी प्रदीप अग्रवाल, श्रीमति गीता देवी अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

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