आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर कई दशकों से लाल आतंक का दंश झेल रहा है. नक्सलियों के खात्मे के लिए सरकार ने बस्तर में अर्ध सैनिकों की भर्ती की है, जिसका नाम बस्तर फाइटर दिया गया है. दरअसल भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत में लगभग 53 हजार युवाओं के आवेदन प्राप्त हुए थे. जबकि बस्तर संभाग में सिर्फ 2100 पद पर युवाओं को पदस्थ करना था. सभी के फिजिकल और मापदंड के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई. बस्तर संभाग के कई जिलों में युवाओं की ट्रेनिंग चल रही है पुलिस ट्रेनिंग के बाद बस्तर के बीहड़ों में इनकी तैनाती की जाएगी.

खास बात यह है कि, यह सभी युवा बस्तर की भौगोलिक स्थिति के साथ यहां की बोली-भाषाओं से परिचित हैं. बस्तर में नक्सलवाद के साथ अंदरूनी क्षेत्रों में बसे आम लोगों से फोर्स के तालमेल में बोली-भाषाओं की समस्या आ रही थी. यही वजह है कि राज्य सरकार ने बस्तर फाइटर का गठन किया और बस्तर के मूलनिवासियों को इसमें मौका दिया गया. इससे बस्तर पुलिस को काफी सहायता मिलेगी, क्योंकि यह सभी युवा बस्तर के जंगलों से वाकिफ हैं. जाहिर सी बात है कि नक्सली भी इन युवाओं से खौफ खाएंगे. क्योंकि जब डीआरजी का गठन बस्तर में किया गया था, उस वक्त भी बस्तर के स्थानीय युवाओं को ही मौका दिया गया था जिसका परिणाम काफी सकारात्मक नजर आया.

यही वजह है कि बस्तर फाइटर की भर्ती स्थानीय युवाओं को लेकर की गई है. बस्तर आईजी का भी दावा है कि, जब इन युवाओं की तैनाती बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में की जाएगी तो नक्सलवाद के खात्मे में काफी मदद मिलेगा. इसके साथ ही ग्रामीण और पुलिस के बीच जो कम्युनिकेशन गैप है, उसको भी इन युवाओं के जरिए खत्म किया जा सकता है. क्योंकि यह सभी बस्तर के निवासी हैं और यहां के सभी भाषाओं से परिचित हैं.