ललित सिंह ठाकुर, राजनादगांव. आज पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है. राजनांदगांव के दिग्विजय महल में स्थित लगभग 350 सौ साल पुरानी बलदेव राधा कृष्ण मंदिर है. जिसका निर्माण राजनांदगांव के राजाओं ने महल परिसर के अंदर कराया था, जो मंदिर आज भी जहां स्थापित है. पिछले 350 सौ सालों से लगातार यहां राधा कृष्ण और भगवान बलराम की प्रतिमा है. जिसकी पूजा अर्चना की जाती है और आज जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर का विशेष महत्व है.

दिग्विजय कॉलेज के अंदर प्रसिद्ध लगभग साढे 300 साल पुराना श्री बलदेव जी राधा कृष्ण मंदिर, जहां कृष्ण जी का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसका इतिहास है की राजा के समय का मंदिर जिसमें राजा लोग परिवार के साथ पूजा करने आते थे. इस मंदिर में ऐसा कहा जाता है यह पूरे भारत में इकलौता ऐसा मंदिर है जो कृष्ण के बड़े भाई बलदेव के नाम से जाना जाता है. Read More – Desi Vibes With Shehnaaz Gill में पहुंची शिल्पा शेट्टी, नजर आया देसी ग्लैमर …

राजनांदगांव के राजा वैष्णव संप्रदाय के राजा थे जो भगवान कृष्ण के अनुयाई थे. भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहते थे प्राचीन काल से ही दिग्विजय महल के परिसर के अंदर भगवान बलदेव राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण कराया गया था और जिस की पूजा अर्चना राजपुरोहितो के द्वारा की जाती थी यह परंपरा आज भी निरंतर जारी है. वैष्णव राजा होने के कारण भगवान कृष्ण के भक्त थे. यह राज्य परिवार भगवान कृष्ण को मानता था. जिसे लेकर इन्होंने एक भव्य मंदिर का निर्माण महल परिसर के अंदर कराया था, जो मंदिर आज भी इस परीसर में विद्यमान हैं और आज के दिन इस मंदिर का विशेष महत्व रहता है. ऐसा मानना है कि प्रदेश में भगवान बलराम और राधा कृष्ण एक साथ सिर्फ राजनांदगांव में ही हैं और दूसरी जगह नहीं. Read More – कृति सेनन ने फैंस के साथ किया कुछ ऐसा, तरफों के पुल बांधने लगे लोग …

जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना पूरे देश में की जाती है और नटखट गोपाल के लिए बहुत सारे लोग आज के दिन व्रत रखते हैं और रात को व्रत तोड़ा जाता है. ऐसा माना जाता है कि रात 12:00 बजे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. भक्त अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना बहुत धूमधाम से करते हैं.