रायपुर। भारत में 5 साल से कम उम्र के 36 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं, और 5 साल से कम उम्र के 67 फीसदी बच्चे और 57 फीसदी महिलाएं एनीमिक (एनएफएचएस-5) हैं. यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ चैप्टर के प्रमुख जॉब जकारिया ने बताया कि बच्चों और महिलाओं में पोषण को बढ़ावा देने के लिए, पूरे भारत में 1 से 30 सितंबर तक प्रतिवर्ष मनाया पोषण माह जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह पोषण माह के दौरान लोगों से देश में कुपोषण के उन्मूलन के प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया है.
यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ चैप्टर के प्रमुख जॉब जकारिया बताते हैं कि कुपोषण के अनेक कारण हैं, जिसमें शिशुओं का कम स्तनपान, 6 महीने में शिशुओं को खराब मानक स्तर का भोजन और सुरक्षित स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच का अभाव शामिल है. इसके अलावा अन्य कारणों में पौष्टिक आहार और सूक्ष्म पोषक तत्वों का अपर्याप्त सेवन, दस्त और निमोनिया जैसी बाल बीमारियां, कृमि संक्रमण, बच्चों का अपूर्ण टीकाकरण कवरेज और मातृ कुपोषण है. यही नहीं बाल विवाह, माताओं की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा जैसे सामाजिक निर्धारक भी भूमिका निभाते हैं.
जकारिया कहते हैं कि कुपोषण को लेकर कई भ्रांतियां हैं. हमें इन मिथकों को तोड़ना होगा. इनमें 9 आम मिथक सच नहीं हैं. इनमें …
मिथक-1: भोजन की कमी के कारण होता है कुपोषण: पूरी तरह सच नहीं है. भोजन महत्वपूर्ण है, लेकिन भोजन की कमी ही कुपोषण का एकमात्र कारण नहीं है. जिन परिवारों में भोजन है, उनमें से कई बच्चे भी कुपोषित हैं.
मिथक-2: कुपोषण का मुख्य कारण गरीबी है: जरूरी नहीं. अमीर परिवारों के कई बच्चे भी कुपोषित हैं.
मिथक -3: कुपोषण जन्म से शुरू होता है: सही नहीं, गर्भाधान से शुरू होता है.
मिथक-4: कुपोषित बच्चे दुबले होते हैं: जरूरी नहीं. हालांकि अधिकांश कुपोषित बच्चों का वजन उनकी उम्र के हिसाब से कम हो सकता है, लेकिन उम्र के हिसाब से कम कद वाले बच्चों और विटामिन या आयरन की कमी वाले बच्चों को भी कुपोषित माना जाता है.
मिथक -5: कुपोषण गंभीर स्थिति नहीं है: नहीं. कुपोषण एक गंभीर स्थिति है, क्योंकि यह भारत में 68% बच्चों की मृत्यु का मूल कारण है.
मिथक -6: बाजार में उपलब्ध खाद्य और दूध उत्पाद पहले 6 महीनों में बच्चों को तेजी से बढ़ने में मदद करते हैं: गलत. 6 महीने तक के बच्चे को सिर्फ मां के दूध की जरूरत होती है.
मिथक -7: स्वस्थ भोजन महंगे हैं: वास्तव में नहीं. स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थ भी पौष्टिक होते हैं.
मिथक -8: कुछ खाद्य पदार्थ कुपोषण को रोक सकते हैं: किसी एक भोजन में सभी पोषण संबंधी आवश्यकताएं नहीं होती हैं. एक स्वस्थ आहार 4-5 खाद्य समूहों जैसे अनाज, दालें, पशु आहार, तेल/घी, डेयरी उत्पाद, सब्जियां और फल से होना चाहिए.
मिथक-9: कुपोषण और बाल विवाह के बीच कोई संबंध नहीं है: सही नहीं है. बाल विवाह बाल कुपोषण का एक प्रमुख कारण है. एक बाल वधू कम वजन के बच्चे को जन्म दे सकती है, जिससे बच्चे का कुपोषण हो सकता है.
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