राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के 16 नगर निगमों में तैनात 1.53 लाख अधिकारी-कर्मचारियों में से लगभग 36 हजार एक झटके में ‘गायब’ हो गए। सूत्रों के अनुसार अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से फेस अटेंडेंस अनिवार्य होने के बाद 12 नवंबर का डेटा लीक होने से यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
क्या कहता है लीक डेटा?
- कुल स्वीकृत पद: 1.53 लाख
- एक्टिव कर्मचारी: 1.50 लाख
- 12 नवंबर को अटेंडेंस: मात्र 1.14 लाख
- अनुपस्थित: करीब 36 हजार
- आधिकारिक छुट्टी पर: सिर्फ गिने-चुने कर्मचारी
भोपाल में सबसे बड़ा झटका
राजधानी के भोपाल नगर निगम में कुल 20 हजार अधिकारी-कर्मचारी हैं। लेकिन 12 नवंबर को हाजिरी लगाने वाले सिर्फ 13 हजार ही पहुंचे। यानी 7 हजार कर्मचारी बिना वजह गायब है।
अन्य निगमों का हाल
इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित सभी 16 नगर निगमों में यही हाल है। कई जगह तो 30-40% कर्मचारी ही ड्यूटी पर दिखे।
फेस अटेंडेंस का असर
अक्टूबर तीसरे सप्ताह से फेस रिकग्निशन आधारित अटेंडेंस लागू होने के बाद यह पहला बड़ा डेटा लीक है। सूत्र बताते हैं कि पहले मैनुअल हाजिरी में फर्जीवाड़ा आम था, लेकिन अब AI की नजर से बचना नामुमकिन।
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