मध्यप्रदेश में चार लोगों की मौत की खबर से सामने आई है। इनमें डायरिया से जहां एक बुजुर्ग और बच्चे की मौत हो गई, वहीं झोलाछाप डॉक्टर से उपचार जो मासूमों ने दम तोड़ दिया। इस घटना से जहां गांव में मातम पसर गया है वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर के पास स्थित महू के बाईग्राम में तीन बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी, इसके बाद दो बच्चों की मौत हो गई।  राहुल गाडगे ने अपने बच्चों शिवांश, युवराज और नैतिक को बुखार आने पर वहीं गांव में डॉक्टर को दिखाया था। राहुल ने तीनों बेटों का उपचार डॉ. बालमुकुंद सिलवाडिया से करा कर दवाई ली। रात 2 बजे बाद शिवांश की हालत बिगड़ने पर तीनों बेटों को लेकर बड़वाह गए, जहां अस्पताल में शिवांश को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन एमवायएच और फिर नेहरू अस्पताल पहुंचे, यहां डॉक्टरों ने युवराज को मृत बता दिया व नैतिक को भर्ती कर उपचार शुरु कर दिया।

मृतक युवराज और उपचाररत नैतिक जुड़वा भाई हैं। युवराज और शिवांश को पहले गांव में ही डॉक्टर को उसके क्लिनिक पर इलाज के लिए ले जाया गया था,जहां उन्हें दवा दी गई, इसके बाद युवराज और शिवांश की हालत में सुधार हो गया। परिवार का दावा है कि शाम होते होते बच्चे लगभग स्वस्थ हो गए थे, वह नजदीक स्थित दूकान पर जाकर सामान भी लेकर आये थे, लेकिन रात लगभग दो बजे के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ीं ,तब  परिजन घंटों तक प्राथमिक उपचार के लिए एम्बुलेंस और अन्य साधनों का इन्तजार करते रहे। उन्हें 108 एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिली। कुछ देर बाद उन्होंने वाहन का बंदोबस्त किया और बच्चों को बड़वाह लेकर गए।

जहां स्थानीय अस्पताल में उपचार करवाने पहुंचे थे, लेकिन वहां एक बेटे को मृत घोषित कर दिया, वहीं दूसरे बच्चे की हालत भी खतरे में होना बताया। राहुल अपने बच्चों को लेकर इंदौर पहुंचे। यहां परीक्षण के दौरान चिकित्सकों ने युवराज और शिवांश को मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने नैतिक को उपचार के लिए भर्ती कर लिया। एक दिन उपचार चलने के बाद गुरुवार को नैतिक की हालत में सुधार था।  विभागाध्यक्ष प्रीति मालपानी के मुताबिक बच्चे की हालत में सुधार है, वह फिलहाल स्थिर है। मालपानी ने बताया कि सामान्य बीमारी होते ही उपचार करना चाहिए, उपचार में लापरवाही और देरी कई बार घातक साबित हो सकती है।

मुकेश सेन, टीकमगढ़। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के वनगायं ग्राम में दूषित पानी पीने से गांव में डायरिया फैल गया। डायरिया के चलते (उल्टी दस्त होने से) एक बच्चे और एक बुजुर्ग की मौत हो गई। गांव में डायरिया से 15 लोग प्रभावित बताए जाते हैं। सभी पीड़ितों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार जारी है।

बताया जा रहा है कि यहां पर राज उर्फ गोकुल अहिरवार 12 वर्ष को मंगलवार को उल्टी-दस्त की समस्या होने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। उपचार के बाद यह घर चला गया, लेकिन बुधवार की सुबह उसकी मौत हो गई। वहीं शाम को उल्टी-दस्त से परेशान गनु अहिरवार 70 वर्ष की हालत खराब होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसे एंबूलेंस से जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, उसने रास्ते में ही बावरी के पास दम तोड़ दिया।

मामले में सीएमएचओ डॉ पीके माहौर ने बताया कि गांव में उल्टी-दस्त से दो लोगों की मौत की खबर आई है। वहीं आधा दर्जन के बीमार होने पर गांव में ही टीम द्वारा उपचार किया जा रहा है। उनका कहना है कि वह खुद जिला अस्पताल से टीम लेकर गांव जा रहे हैं। गांव पहुंचने के बाद ही सही स्थिति की जानकारी होगी। फिलहाल पूरे गांव का सर्वे कराया जा रहा है।

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