Hanuman Jayanti news : आज देशभर में हनुमान जयंती मनाई जा रही है. हनुमान जी की पूजा के लिए कुल चार मुहूर्त हैं. साथ ही 5 बड़े योग भी रहेंगे. हनुमान जी ब्रह्मचारी के रूप में पूजे जाते हैं इसलिए ग्रंथों में सुबह 4 से रात 9 बजे तक उनकी पूजा का विधान बताया गया है. अगस्त्य संहिता और वायु पुराण के मुताबिक हनुमान जी अमर माने जाते हैं.

हनुमान जन्मोत्सव उत्तर भारत में चैत्र महीने की पूर्णिमा पर यानी आज मनाया जा रहा है. इस बार हनुमान जयंती पर गजकेसरी, हंस, शंख, विमल और सत्कीर्ति नाम के पांच राजयोग बन रहे हैं. इस पर्व पर पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रमा, हस्त नक्षत्र के स्वामी सूर्य और चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल का प्रभाव रहेगा. इन तीन ग्रहों के संयोग में हनुमान जी की पूजा करना शुभ फलदायी रहेगा.

शास्त्रों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान श्रीराम की निस्वार्थ सेवा के उद्देश्य से भगवान भोलेनाथ के 11वें रुद्र के रूप में माता अंजना के घर में संकटमोचक हनुमान का जन्म हुआ. शंकर का शिवालय जिस तरह बिना नंदी के नहीं होता है उसी तरह श्रीराम के देवालय की पूर्णता हनुमान की मूर्ति के बिना नहीं होती है.

राजधानी रायपुर में जगह-जगह भंडारा

राजधानी रायपुर में भी धूमधाम से हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा. सुबह से ही मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़ लग गई है. जगह-जगह भोग भंडारे का आयोजन किया गया है. राजधानी के सभी हनुमान मंदिरों में अभिषेक, हवन पूजन, विशेष श्रृंगार, महाआरती, महाभंडारा जैसे अनेकों आयोजन किए जाएंगे. सालासर बालाजी का सुबह 8 बजे दुग्ध अभिषेक किया गया. 100 बजे सवामणी भोग, दोपहर 3 बजे से सुंदरकांड पाठ शुरू किया जाएगा. शाम को कोलकाता की प्रसिद्ध भजन गायक जय शंकर चैधरी की भजन संध्या कार्यक्रम भी होगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

उदयातिथि के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव आज मनाया जा रहा है. इस दिन बजरंगबली की पूजा के लिए सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक का शुभ मुहूर्त था. इसके बाद अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 53 तक रहेगा. वैसे हनुमान जी ब्रह्मचारी के रूप में पूजे जाते हैं इसलिए ग्रंथों में सुबह 4 से रात 9 बजे तक उनकी पूजा का विधान बताया गया है.

पूजा विधि

  • आज स्नान के बाद स्वयं लाल वस्त्र पहनें. उसके बाद सूर्य पूजा करें. फिर हनुमान जयंती व्रत और हनुमान जी की पूजा का संकल्प करें. हनुमान जी की पूजा से पूर्व भगवान राम की पूजा जरूर करें.
  • सुबह या शाम में जब भी आपको पूजा करनी है, उस शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. फिर उनको जलाभिषेक करें.
  • अब हनुमान जी को जनेऊ, खड़ाऊं या चरण पादुका, वस्त्र, लाल लंगोट आदि अर्पित करें. फिर चंदन या रोली से तिलक करें. फूल, अक्षत् अर्पित करने के साथ ही माला पहनाकर सुशोभित करें. धूप, दीप, गंध अर्पित करें.
  • उसके बाद हनुमान जी को चमेली के तेल और सिंदूर का चोला बनाकर चढाएं. फिर बजरंगबली को मोतीचूर के लड्डू, बूंदी या बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, गुड़, काला चना आदि में से जो भी मिष्ठान है, उसका भोग लगाएं. पान का बीड़ा, इलायची और लौंग अर्पित करें.
  • इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हनुमान मंत्र का उच्चारण करते रहें. उसके बाद हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि का पाठ करें. हनुमान जी के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. उसके बाद हनुमान जी की आरती विधिपूर्वक करें.
  • इसके बाद क्षमा प्रार्थना करें. उसके बाद हनुमान जी से बल, बुद्धि, धन-संपत्ति, साहस, पराक्रम आदि में वृद्धि का आशीर्वाद मांगें. पूजा के अगले दिन सुबह पारण करके व्रत को पूरा करें.