रायपुर. ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स‘ ब्रांड के तहत उत्पादित किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 5 गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की गई है. वन वृत्त स्तर पर रायपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, कांकेर और बिलासपुर में स्थापित इन प्रयोग शालाओं में परीक्षण उपरांत प्राथमिक तौर पर उत्पादों की गुणवत्ता संबंधी प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे. इससे छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों के विक्रय को देश समेत देश के बाहर और बढ़ावा मिलेगा.

इन प्रयोगशालाओं के संचालन का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किया जाएगा. लैब में परीक्षण के लिए लैब एनालिस्ट की नियुक्ति की जा चुकी है. मुख्यालय स्तर पर भी इसके लिए विशेषज्ञ की नियुक्ति की गई है. प्रयोगशाला में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप 65 लघु वनोपज और 59 औषधीय, 46 खाद्य, 07 कॉस्मेटिक और अन्य 22 उत्पादों का परीक्षण किया जाएगा. इनमें संबंधित वृत्त के अंतर्गत आने वाले सभी जिला यूनियन और वन-धन विकास केन्द्रों के उत्पादों का परीक्षण होगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा हाल ही में वन मंत्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में इसका शुभारंभ किया गया.

2021-22 में 6 करोड़ से ज्यादा के उत्पादों की बिक्री

गौरतलब है कि राज्य में लघु वनोपजों के प्रसंस्करण में 8 हजार 11 स्व-सहायता समूह के सदस्य कार्य कर रहे है. वर्ष 2021-22 में 6 करोड़ 38 लाख रुपये के उत्पादों का विक्रय किया गया था. इनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को देश और देश के बाहर विक्रय करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. इन उत्पादों के विपणन के लिए यह आवश्यक है कि समय-समय पर इनकी गुणवत्ता और घटकों का परीक्षण मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाए. छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज, हर्बल उत्पाद और हर्बल औषधि के परीक्षण के लिए पर्याप्त प्रयोगशाला नहीं है, इसे ध्यान में रखते हुए इन प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है.

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