उत्तर प्रदेश. आपने कभी 5 से 7 फीट की लौकी देखी है, हैरान हो गए न? लेकिन यह करिश्मा उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में हो रहा है. सीतापुर के युवा किसान आलोक पांडे कई फसलों की खेती एक साथ करते हैं और उनके खेत में आपको 7-7 फीट की देशी लौकी भी देखने को मिलेगी. उनके इस कारनामे को सिर्फ आस-पास के ही नहीं बल्कि अलग-अलग जिलों के भी किसान देखने आते हैं. लोगों के लिए ये लौकी आकर्षण का केंद्र है.

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद के मिश्रिख ब्लॉक के गोपालपुर के रहने वाले आलोक कुमार पांडेय ने अवध यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है और साथ ही पीसीएस की तैयारी भी कर रहे हैं. लेकिन आलोक को खेती का भी शौक है इसलिए उन्होंने अपनी परंपरागत खेती को आधुनिक तकनीक में बदल दिया. अब आलोक सिर्फ धान, गेहूं ही नहीं बल्कि कई सब्जियों व फसलों की खेती एक साथ करते हैं.

आलोक बताते हैं, “मैंने इसकी शुरुआत केले की फसल से की थी, मेरे पास दस एकड़ खेत था, जिसमें मैंने केला लगाया और साथ ही इसमें शिमला मिर्च भी लगाया जिससे लागत कम आए. मेरा यह प्रयोग सफल हुआ और मुझे अच्छा मुनाफा मिला. केले की फसल अच्छी हुई और उसे बेचने के लिए भी मुझे भटकना नहीं पड़ा बल्कि व्यापारी खेत से ही माल ले गए क्योंकि क्वालिटी अच्छी थी.”

आलोक पांडेय बताते हैं कि एक केले की खेती में किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है अगर वह सही तकनीक का इस्तेमाल करे. एक बीघा खेती में करीब बीस हजार रुपये की लागत आती है और अगर मुनाफे की बात करें तो करीब 55 से 60 हजार तक निकल आता है और प्रोडेक्शन की बात करें तो एक बीघा में करीब 70 से 80 क्विंटल की पैदावार रहती है.

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आलोक लौकी की लंबाई बढ़ाने के लिए किसी इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं करते हैं बल्कि पौधा निकलते ही उसमें गोबर पानी डालने लगते हैं. वैसे ये 2-3 फीट होने पर खाई जा सकती है लेकिन इनकी हाइट 6-7 फीट तक जाती है और वजन 20 किलो से ज्यादा. एक बेल में एक सीजन में कम से कम 100 ऐसी लौकियां फलती हैं. कमाल की बात यह है कि आलोक ने यह कारनामा बिना किसी रासायनिक खाद और दवा के किया है. उन्होंने पारंपरिक तरीकों से ही इस तरह की लौकी उगाने में कामयाबी पाई है. अब आस-पास के किसान इसका बीज ले जाते हैं.