चेन्नई। अक्सर हमारे आसपास देखा जाता है कि गाय को पालने वाले पशुपालक लापरवाही से अपनी गयों आवारा छोड़ देते हैं. जिससे आवारा पशुओं को खाने के लिए जब कुछ नहीं लतातो ये सड़क पर पड़े प्लास्टिक आदि चीजें भी खा लेते है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. तमिलनाडु वेटेरिनरी ऐंड ऐनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के सर्जनों ने गाय के पेट से कुल 52 किलो प्लास्टिक का कचरा निकाला है. पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, वेपेरी के सर्जनों को गाय के पेट से प्लास्टिक को बाहर निकालने में करीब 5 घंटे का वक्त लगा.

इस ऑपरेशन में डॉक्टरों को कुल 5.5 घंटे का समय लगा. प्लास्टिक कचरे के अलावा दो पेंच और एक सिक्का भी गाय के पेट से निकाला गया है. ये हैरान करने वाली बात है.

शहरों में लोग गायों को दिनभर खुला छोड़ते हैं और रात में उनका दूध निकालकर सड़कों पर भटनके देते हैं जिससे कई बार बड़े हादसे भी पशुओं की वजह से सुनने में मिलते हैं. माना जा रहा है कि गाय ने खाने की तलाश के दौरान यह कचरे के साथ यह प्लास्टिक खाया होगा.

गाय को इलाज के लिए थिरुमुल्लईवोयल से वेपेरी लाया गया था. गाय को लगातार दर्द की शिकायत थी. जिसमें डॉक्टरों की टीम ने गाय के पेट से 52 किलों प्लास्टिक निकाला है. प्लास्टिक की इतनी ज्यादा मात्रा से गाय की जान भी जा सकती थी.

संस्थान के निदेशक एस. बालासुब्रमण्यम ने कहा कि यह घटना प्लास्टिक के खतरों का एक स्पष्ट संकेत है. डॉक्टरों के अनुसार, उस प्लास्टिक को जमा होने में लगभग दो साल लगे होंगे.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल पर रोक लगाने लगातार लोगों को जागरूक कर रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए इसपर आम लोग जल्द अमल करने लगेंगे. इससे जानवरों को भी अधिक लाभ मिलेगा.