चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग।  दुर्ग और बेमेतरा जिले में गायों की भूख से हुई मौत पर सियासत अभी थमी नहीं कि भाजपा शासित दुर्ग नगर निगम के कांजी हॉउस में 7 गायों की भूख से मौत का मामला सामने आया है. जिसके बाद दुर्ग में गायों के नाम से एक बार फिर सियासत गरमा गई है.

शनिचरी बाजार स्थित नगर निगम के कांजी हॉउस में अल सुबह 7 गायों की मौत होने के बाद नगर निगम मृत गायों के शव को ट्रेचिंग ग्राउंड में खुले में ही फेंक दिया. वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने जब गायों के शव को देखा तो उऩ्होंने इसकी सूचना बाकी लोगों को दी. जिसके बाद देखते ही देखते पूरी खबर आग की तरह शहर में फैल गई.

मामले की खबर लगते ही घटनास्थल पर कई संगठनों ने निगम को आड़े हाथों लेते हुए गायों की मौत का जिम्मेदार निगम प्रशासन को बताते हुए हंगामा करने लगे. जिसके बाद मामले की नजाकत को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंची.

आपको बता दें कि एक पखवाड़ा पहले जिले में ही जामुल पालिका के उपाध्यक्ष और भाजपा नेता हरीश वर्मा की गौशाला में 350 से ज्यादा गायों की भूख से मौत हुई थी. घटना के बाद पुलिस ने आरोपी भाजपा नेता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस घटना ने देश भर में बवाल मचा दिया था.

भूख से हुई मौत

कांग्रेसियों ने आरोप लगते हुए कहा है की जिस प्रकार राजपुर में गायों की भूख के कारण मौत हुई है. उसी तरह दुर्ग के कांजी हॉउस में भी चारा के अभाव में भूख से गायों की मौत हुई है और निगम प्रशासन गायों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है. जिसके चलते आए दिन गायों की मौत हो रही है.

खुले में फेंका कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे थे

गायों की मौत होने पर नगर निगम द्वारा गायों के शव को दफनाने की बजाय खुले में फेंक दिया. जिसकी वजह से आवारा कुत्ते गायों के शव को नोच-नोच कर खा रहे थे. वहीं वार्डवासियों की माने तो ट्रेचिंग ग्राउंड में आये दिन जानवरों के शव को खुले में फेका दिया जाता है आज तो एक साथ कई गायों को लाकर फेक दिया गया.

महापौर ने दिया जांच का आदेश

इधर हंगामे के बाद दुर्ग महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने गायों की मौत की निंदा करते हुए जांच का आदेश दिया है उन्होंने कहा कि मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.