देशभर की आस्था का केंद्र है जम्मू में स्थित वैष्णो देवी माता का मंदिर. जहां पिंडियों के रूप में विराजित है सरस्ती, लक्ष्मी और काली माता और अदृश्य रूप में मां वैष्णो. देश के कोने-कोने से लाखों लोग वहां माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. बीकानेर भी उससे अछूता नहीं है. मगर, सभी लोगों के लिए जम्मू जाकर वहां दर्शन करना संभव नहीं है.

ऐसे ही लोगों को जम्मू के वैष्णो धाम जैसे ही अनुभव हो इसी को देखते हुए बीकानेर में श्री भगवती मंडल सेवा संस्थान की ओर से जयपुर रोड पर बीकानेर से छह किमी दूर बनाया गया वैष्णो धाम. हूबहू वैष्णो धाम जैसी अनुभूति वाला मंदिर. जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते है. इस मंदिर में 400 किमी दूर ज्वालाजी से लाई ज्योत अनवरत आज भी जल रही है. Read More – Swara Bhaskar और Fahad Ahmad की रिसेप्शन पार्टी में कई बड़े चेहरे आए नजर, राहुल गांधी और जया बच्चन समेत इन दिग्गजों ने की शिरकत …

मंदिर में प्रवेश से लेकर बाहर तक का मार्ग

सबसे पहले सिंहद्वार से अंदर प्रवेश करवाया जाता है. पूर्व में हनुमानजी व पश्चिम में त्रिकाल भैरूं विराजमान है. अंदर प्रवेश करते ही सामने गणेशजी की प्रतिमा नजर आएगी. रास्ते में दाई ओर खाटू श्याम का मंदिर है. उसके पास माता का पुराना मंदिर है जो मंदिर निर्माण के समय वर्ष 2000 में बना था. उसके पास भगवान शिव परिवार विराजमान है. वहां से आगे चलने पर शिव लिंग की स्थापना की गई है. Read More – शतभिषा नक्षत्र में पहुंचे शनिदेव, तीन राशियों के लिए सबसे ज्यादा लकी, अपनी स्वराशि में विराजमान हैं शनि …

उसके बाद कटरा प्रवेश द्वार आता है जहां बाण गंगा बह रही है, वहां गंगा माता का भी मंदिर है. उसके आगे माता के चरण है जिसे चरण पादुका मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर से आगे चढ़ने पर अर्धकुमारी मंदिर आता है. इस मंदिर के पास ही गर्भ गुफा है जहां माता का मंदिर है. पास में हनुमान मंदिर है. गर्भ गुफा से निकलने पर पर्वत के शिखर पर हथिमथ है, जिस पर भगवान भोलेनाथ विराजमान है जिनकी जटा से गंगा निकल रही है.