नई दिल्ली. अस्पताल के बेड पर बैठी यह साढ़े चार साल की राधिका (बदला हुआ नाम) है. बगल में मां वैठी है, मां और बेटी दोनों खुश हैं. क्योंकि अब राधिका को अपनी उंगली मिल गई है, वह कलम भी पकड़ पाएगी और स्कूल भी जा सकेगी.  सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने राधिका के पैर की उंगली हाथ में ट्रांसप्लांट कर उसके हाथ में जान फूंक दी है. उंगलियों में सेंसेशन आना शुरू हो गया है. डॉक्टरों ने 9 घंटे की माइक्रोवस्कुलर सर्जरी कर बच्ची के हाथ में उंगली दे पाने में बड़ी सफलता हासिल की है.

दरअसल, राजस्थान के अलवर की रहने वाली साढ़े चार साल की राधिका दो साल पहले चारा काटने की मशीन में गलती से हाथ दे बैठी, जिसकी वजह से उसके दोनों हाथ की हथेली कट गई. एक भी उंगली नहीं बची. हालांकि, घटना के तुरंत बाद बच्ची के परिजन उसे पास के अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन उस समय हाथ जोड़ पाने में सफल नहीं पो पाए. बच्ची के पिता किसान हैं और इस साल जनवरी में बच्ची को लेकर सफदरजंग अस्पताल के वर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग में पहुंचे थे. जहां अब मासूम का सफल ऑपरेशन किया गया है. डॉक्टर मासूम को जल्द अस्पताल से छुट्टी देने की तैयारी में है.