नई दिल्ली. हाईकोर्ट ने एक कालोनी में बने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को कालोनी से बाहर छोड़ने की मांग संबंधी पुनर्समीक्षा याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि कॉलोनी के निवासियों की सुविधा आम जनता के हित से अधिक नहीं हो सकती. अदालत ने कहा स्कूल में प्रवेश और निकास को रोका नहीं जा सकता क्योंकि इससे स्कूल के साथ-साथ आम जनता को भी परेशानी होगी.

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों से स्कूल से कॉलोनी के गेट तक बारिश और भीषण गर्मी में चलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है. जिस समय स्कूल खुलता है और जब स्कूल का समय समाप्त होता है तो भीड़ होना स्वाभाविक है जिसके लिए समीक्षा याचिकाकर्ता के पास यातायात प्रबंधन के लिए स्कूल प्रशासन से व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए संपर्क करना है.

पश्चिम विहार क्षेत्र में एक कालोनी निवासियों ने पुनर्समीक्षा याचिका दायर कर अदालत द्वारा पारित पहले के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए दायर की गई थी. ताकि जो माता-पिता बच्चों को निजी कारों में स्कूल लाते हैं, वे उन्हें कॉलोनी के बाहर छोड़ दें क्योंकि इससे कालोनी में जाम लगता है. याचिका में कहा गया कि स्कूल के कारण कॉलोनी क्षेत्र में भारी भीड़ होती है जहां लगभग 475 परिवार रहते हैं. अभिभावक वहां कारें खड़ी कर सड़क जाम कर देते हैं.