नई दिल्ली. इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) के तहत गुजरातियों ने साल 2016 में 4 महीने के दौरान 18,000 करोड़ रुपये का कालाधन घोषित किया. इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है. बताया जा रहा है कि ये भारी-भरकम राशि उस दौरान देशभर में पता चले कालेधन का 29 फीसदी है. आईडीएस के जरिए नोटबंदी से पहले जून से सितंबर 2016 के बीच इस कालेधन के बारे में ऐलान किया गया था.

आरटीआई के जरिए हुआ खुलासा

एक आरटीआई के जवाब में आयकर विभाग द्वारा कहा गया है कि आईडीएस के जरिए गुजरात में 18,000 करोड़ का कालाधन घोषित किया गया जोकि देशभर में पता चले 65,250 करोड़ के कालेधन का 29 फीसदी है. आयकर विभाग को इसका जवाब देने में दो साल लग गए. अहमदाबाद के प्रॉपर्टी डीलर महेश शाह के आईडीएस के जरिए 13,860 करोड़ की आय घोषित करने के बाद ये आरटीआई दाखिल की गई थी.

देशभर के घोषित कालेधन का 29 फीसदी

21 दिसंबर 2016 को भारत सिंह झाला नाम के शख्स ने आरटीआई के तहत आयकर विभाग से जानकारी मांगी थी. उस वक्त इंस्टालमेंट के भुगतान में गड़बड़ी के कारण महेश शाह का आईडीएस रद्द कर दिया गया था. वहीं, आयकर विभाग नेताओं, ब्यूरोक्रैट्स आदि द्वारा घोषित आय पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

दो साल बाद विभाग ने दी जानकारी

भारत सिंह कहते हैं कि विभाग पहले जानकारी देने से इनकार करता रहा, गुजराती भाषा में आवेदन का हवाला देते हुए आयकर विभाग ने जानकारी देने से मना कर दिया था. जबकि 5 सितंबर को मुख्य सूचना आयुक्त ने दिल्ली में आयकर विभाग को जानकारी देने का निर्देश दिया. वे कहते हैं कि दो साल के बाद उन्हें ये जानकारी मिल सकी है. 2016 में केंद्र सरकार ने आईडीएस की घोषणा की थी जिसके तहत जून-सितंबर 2016 के बीच लोगों ने अपनी गुप्त आय घोषित की थी.