सिंगरौली। सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के जनजाति बालक आश्रम बैरी टोला का एक वायरल वीडियो शिक्षा व्यवस्था की खस्ता हालत को उजागर कर रहा है। वीडियो में बच्चे आश्रम के अंदर सफाई करते हुए नजर आ रहे हैं, जो शिक्षा के अधिकारों का खुला उल्लंघन है।

मामला चितरंगी क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की अनियमितताओं का नया उदाहरण है। इससे पहले भी इसी क्षेत्र के कन्या आश्रम में लड़कियों से काम करवाए जाने का वीडियो वायरल हो चुका है। पिछली बार भी एक अधीक्षिका को छात्राओं को काम करने के लिए मजबूर करने के आरोप में नोटिस जारी किया गया था और कड़ी फटकार लगाई गई थी, लेकिन शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

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विभागीय प्रतिक्रिया


जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त ने कहा है कि वायरल वीडियो की जांच करवाई जाएगी। यदि वीडियो में दिखाए गए आरोप सही पाए गए, तो छात्रावास के अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के मामलों से बचने के लिए भविष्य में कड़ी निगरानी की जाएगी।

सरकारी दावे और हकीकत


जबकि सरकार और प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हैं, ये वायरल वीडियो उनके दावों की पोल खोलते हैं। सरकार के मंत्री भी इस तरह के मामलों पर चुप्पी साधे रहते हैं और प्रभावी कदम उठाने में विफल रहते हैं।

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अधिकारियों की जिम्मेदारी


सिंगरौली जिले के जनजातीय विभाग में एक ही शिक्षक को कई छात्रावासों का प्रभार दिया गया है, जो नियमों के खिलाफ है। एक शिक्षक को केवल एक छात्रावास का प्रभार देना चाहिए, लेकिन विभागीय अधिकारी कई छात्रावासों का प्रभार एक ही अधीक्षक को दे देते हैं। इसके कारण अधीक्षक स्वयं मौजूद नहीं रहते और उनकी अनुपस्थिति में छात्रावासों में अनुशासन की कमी होती है, जिससे इस तरह के विवादित वीडियो सामने आते हैं।

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