Radha Ashtami 2024 : हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है.जो कि इस साल 11 सितंबर बुधवार को यानी कल है. राधा अष्टमी के दिन भी लोग उपवास करते हैं और राधा रानी की पूजा उपासना करते हैं. कहा जाता है कि राधा के बिना कान्हा और कान्हा के बिना राधा अधूरी हैं. इसलिए राधा रानी का पूजन करने से भक्तों को उनके साथ ही भगवान कृष्ण का भी आशीर्वाद मिलता है. 

राधा रानी की पूजा के दौरान पूजन सामग्री का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अगर कोई सामग्री छूट जाए तो पूजा सम्पन्न नहीं होती. आइए जानते हैं राधा अष्टमी के दिन पूजा की विधि और पूजन सामग्री.

ये है राधा अष्टमी की पूजन सामग्री (Radha Ashtami 2024)

राधा रानी की पूजा में ये सभी सामग्री जरूर शामिल करें. इसमें फूल, अक्षत, चंदन, लाल चंदन, सिंदूर, रोली, सुगंध, धूप, दीप, फल, खीर, मिठाई और सबसे महत्वपूर्ण है अरबी.क्योंकि राधा रानी का पूजन करते समय उन्हें अरबी का भोग लगाना अनिवार्य माना गया है.

ये है राधा रानी की पूजन विधि

  • जन्माष्टमी की तरह ही राधा अष्टमी के दिन लोग राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं.इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्म के बाद नए कपड़े पहनें. और अगर नए नहीं पहनना है तो साफ धुले कपड़े पहने.  
  • इसके बाद हाथ में थोड़ा सा जल लेकर व्रत का संकल्प करें और वह जल अपने आस-पास छिड़क दें. फिर मंदिर को स्वच्छ करें और एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं.
  • इसके बाद वहां राधा कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें पंचामृत से कराएं.फिर नए वस्त्र व आभूषण पहनाकर उनका श्रृंगार करें.
  • इसके बाद राधा-कृष्ण को माला पहनाएं.फिर उन्हें चंदन व रोली का तिलक लगाएं और इत्र अर्पित करें.इसके बाद राधा जी के मंत्रों का जाप करें. जो कि इस प्रकार हैं: ऊं ह्नीं राधिकायै नम:, ऊं ह्नीं श्रीराधायै स्‍वाहा.
  • फिर राधा चालीसा और राधा स्तुति का पाठ करें. श्री राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण की आरती करें.आरती के बाद पीली मिठाई या फल का भोग लगाएं.
  • राधा रानी जी को राधाष्टमी के दिन अरबी की सब्जी का भोग जरूर लगाएं. क्योंकि इसका भोग लगाना बहुत शुभ माना गया है.इसलिए मिठाई व फल अर्पित करने के बाद अरबी का भोग जरूर लगाएं.