अमित पांडेय, खैरागढ़. बीते 24 घंटे से झमाझम बारिश के कारण शहर के कई नदी नाले उफान पर हैं. वहीं तीन नदियों के संगम मुस्का ,आमनेर और पिपरिया नदी ने जिले में तबाही मचा दी है. स्थानीय इतवारी बाजार, धरमपुरा और टिकरापारा बस्ती में बारिश का पानी जमा होने से बाढ़ का विकराल रूप देखने को मिला है. इससे नदी के किनारों पर बसे रहवासियों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. बाढ़ के चलते खैरागढ़ का राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर से संपर्क टूट गया है. बड़ी संख्या में वाहन जगह-जगह फंसे हैं.

खैरागढ़ का इतवारी बाजार शुरू से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित है, जिसमें निवासरत बाढ़ प्रभावित लोगों को प्रशासन ने सांस्कृतिक भवन में आश्रय दिया है. वहीं प्राथमिक शाला क्रमांक 01 और सांस्कृतिक भवन में पहुंचकर रुकने के लिए वार्डों में मुनादी कराई जा रही है. जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित 42 परिवार के लगभग तीन सौ लोगों को संस्कृतिक भवन, प्राथमिक शाला 01, पूर्व माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला में शिफ्ट किया है. सभी व्यक्तियों के खाने की व्यवस्था एवं स्वास्थ्य व्यवस्था भी मुहैया कराई जा रही है.

बांधों से छोड़ा गया पानी, निचली बस्तियों को कराया खाली

जिले के छिंदरी बांध से अब तक 9000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं 19500 क्यूसेक पानी प्रधानपाठ बैराज से भी छोड़ा गया है. कर्रा नाला बैराज से 5200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते जिले में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है. दो दिनों से लगातार बारिश से खैरागढ़ शहर 19 साल बाद फिर बाढ़ की चपेट में आ गया है. जोरदार बारिश के बाद आमनेर नदी का जल स्तर बढ़ने के चलते शहर का सबसे महत्वपूर्ण इलाका इतवारी बाजार सहित धरम पुरा अम्बेडकर वार्ड बाढ़ में डूब गया है. मंगलवार सुबह से शहर में पानी भरना शुरू हुआ. लोग अल सुबह से दुकान, मकान खाली करने जुट गए हैं. निचली बस्तियों को खाली कराने का काम जारी है.

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